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मंडी हाउस की वो शाम कुछ सुहानी थी. मंडी हाउस मुझे पहले इतना खूबसूरत कभी नहीं लगा. मंडी हाउस ही क्यों? पूरी दिल्ली, दिल्ली ही क्यों? पूरी दुनिया भी मुझे कभी इतनी हसीन नहीं लगी. आज दुनिया की हर चीज मुझे खूबसूरत लग रही थी. खूबसूरत भी क्यों न लगे? आज मेरे मन की जो मुराद पूरी हो रही थी. आगे .......... आगे क्या हुआ ? जानना चाहते हैं ? कहानी दिलचस्प है. जरा दिल थाम कर सुनियेगा.
आप में से ज्यादातर लोग जानते हैं कि कैसे मैं फ्रांस की न्यूज़ एंकर मैलिसा पर फिhttp://www.blogger.com/img/blank.gifदा हो गया. इस वेलेटाइन डे को मैंने इसे दोस्तों से भी फेसबुक पर शेयर किया.
फेसबुक तो फेसबुक मैंने अपनी वेबसाईट मीडिया खबर को भी नहीं छोड़ा. वहाँ भी मैलिसा की तस्वीरें. मैलिसा के लिए मेरी इस दीवानगी को देखते हुए मेरे एक पत्रकार दोस्त ‘जैन अवान’ ने कहा – “पुष्कर तुम तो गए काम से. खेल – खेल में तुम्हारा खेल हो गया. अब ऐसा करो कि मीडिया खबर.कॉम (mediakhabar.com) को मैलिसा खबर.कॉम (melissakhabar.comm) कर दो. जब देखो तब मैलिसा गान. उफ़......हद कर दी तुमने. सुधर जाओ” READ MORE
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