अब इसे प्रेम का बाज़ार कहें या बाज़ार का प्रेम या फिर ‘लव,सेक्स और धोखा’ क्योंकि आज के दौर के प्रेम ने तो प्यार को दिनों में बाँट दिया है.तभी तो वेलेन्टाइन डे के दौरान फ़रवरी माह की 7 तारीख को रोज डे, 8 को प्रपोस डे, 9 को चाकलेट डे,10 को टेडी डे,11 को प्रोमिस डे,12 को हग डे,13 को किस डे और फिर 14 को वेलेन्टाइन डे....यानि पूरे पखवाड़े भर का इंतजाम.वैसे अब कही-कहीं तो इसके बाद ‘ब्रेक-अप डे’ भी सेलिब्रेट होने लगा है क्योंकि आज की पीढ़ी अपने साथी को इससे ज़्यादा बर्दाश्त ही नहीं कर सकती? रही बाकी “डे” (दिनों) की बात तो उनके लिए बाजार ने भरपूर इंतजाम कर दिए हैं बस आपकी जेब में पैसा होना चाहिए फिर माशूक या माशूका तो अपने आप चली आएगी.अब प्रेम दिल से नहीं दौलत से होता है अर्थात जितनी भारी जेब होगी उतना ही ‘स्ट्रोंग’ प्यार होगा और वह भी एक से नहीं दो-चार से एक साथ. खास बात यह है कि सभी साथ जीने-मरने की कसमें खायेंगे.यह बात अलग है कि प्यार(दौलत) खत्म होते ही बिना किसी गिले-शिकवे के अलग भी हो जायेंगे.
http://www.jugaali.blogspot.com/
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