लिव इन रिलेशन में मिल रही मासमू को सजा

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  • सुनील वाणी
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    अदालत ने भले ही लिव इन रिलेशनशिप को स्वीकृति दे दी है और समाज का कुछ खास तबका इसे स्वीकार भी करने लगा है, फिर भी आए दिन इसे लेकर कुछ ऐसे उदाहरण देखने को मिल जाते हैं जो इस प्रकार के संबंधों पर कई तरह के प्रश्न खड़े कर देते हैं। आखिर इस तरह के रिलेशन कितने विश्वसनीय होते हैं।
    नई दिल्ली के बी.एल कपूर मेमोरियल अस्पताल में ऐसा ही एक मामला देखने को मिला जिसने समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है। जानकारी के मुताबिक मणिपुर की रहने वाली एक युवती जो अपने ब्यॉय फ्रेंड के साथ लिव इन रिलेशन में दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में रहते हैं। पिछले अप्रैल में जब वह युवती गर्भवती हो गई तो दोनों ने मिलकर गर्भपात करा लिया। इसके बाद वह फिर से गर्भवती हो गई लेकिन इस बार उसे पता नहीं चल पाया। प्रसव पीड़ा शुरू होने पर जब उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया तो उसने एक बच्ची को जन्म दिया लेकिन वह युवक उससे मिलने नहीं आया। डाक्टर उसे अब डिस्चार्ज करने चाहते थे लेकिन युवती का कहना था कि वह इस स्थिति में नहीं कि वह अपनी बच्ची का पालन-पोषण कर सके। दोनों के परिवार वाले पहले ही उनसे संबंध तोड़ चुके हैं। अब वह युवती इस बच्ची को बेचना चाहती है या अनाथालय में उसे डालना चाहती है। वह उस युवक से शादी नहीं करना चाहती बल्कि अभी भी लिव इन में ही रहना चाहती है। पुलिस पहले ही इसे सामाजिक मामला बताकर पल्ला झाड़ चुकी है। इन सबके बीच अब देखना है कि उस बच्ची का क्या होगा। आखिर बिना कसूर के ही उसे सजा क्यों मिल रही है।

    3 टिप्‍पणियां:

    1. दुखद प्रकरण । लिव इन relationship पर कुछ ठोस कानूनी नियम होने चाहिए , ताकि मासूमों का ये हश्र न हो ।

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    2. इन संबंधों की ऐसी परिणिति ही होनी है !
      हद है !

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