26 जनवरी 2011 की एक निराली झांकियां

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • महंगाई की खुशी कितनों के सीने में जलन पैदा कर रही है। कितनों के सीने की छलनी बना रही है। मतलब अब सीने की शामत भी मंहगाई के कारण ही आई है।  कोशिश की जा रही है कि महंगाई के गुर अब प्राथमिक शालाओं में पाठ्यक्रम में पढ़ाना अनिवार्य कर दिये जायें ताकि  महंगाई के बचपनीय पाठों से कोई महरूम न रह जाए। पूरा पढ़ने और अपनी बात कहने के लिए यहां पर क्लिक कीजिए
     
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