सबकी जेब में मौजूद हूं मैं |
बापू सबके पास मौजूद हैं। जो बापू को नहीं चाहते हैं, वे भी बापू के साथ हैं बल्कि बापू उनके पास मौजूद हैं। हम किसी से असहमति रखते हैं तो उससे संबंधित किसी वस्तु से सरोकार नहीं रखना चाहते हैं। अगर ऐसे दुस्साहसी हों तो सामने आयें। भारत में रहें और भारत के नोटों से बैर रखते हों, चाहकर भी कोई निर्धन नहीं रहना चाहता है। नकद नारायण महात्मा गांधी जी के सिवाय भला किसका काम चल सकता है।
मैं तो महात्मा गांधी जी को सब जगह मौजूद मानता हूं। और वे मौजूद हैं भी। जिनका चित्र नोटों पर मौजूद हैं, उनसे कोई किनारे नहीं हो सकता। आज सब जगह लूटपाट मची हुई है या ईमानदारी विद्यमान है, वे सब नोटों की प्राप्ति के लिए लगे हुए हैं।
कोई चिंता नहीं,
कोई पल ऐसा नहीं,
जब आप बापू के दर्शन नहीं करते हों,
उनके दर्शन लाभ पाकर मन को चैन मिलता है
जो इस परम सत्य से इत्तेफाक न रखते हों
वे इसे पढ़कर भी
बिना टिप्पणी किए जा सकते हैं
इसलिए ईमानदार बनें
और सच को स्वीकारें।
आप क्या कहना चाहेंगे ...
jab tak jeevan hai bapu ko nahi nakar sakte hai
जवाब देंहटाएंजी हाँ बापू सबकी जेब में मौजूद हैं!
जवाब देंहटाएंअजी यह बापू खुब चलता हे...
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही कहा आपने। दो अक्टूबर के आसपास मेरे मोबाइल में एक दोस्त ने एसएमएस किया और कहा कि वह बापू की तस्वीरों का संग्रह कर रहा है जेब में सौ, पांच सौ, हजार के जितने भी नोट हो भेजकर इस नेक काम में सहयोग करें। आपने सही बात को पकडा, बापू ही चलते हैं मौजूदा दौर में, कोई नहीं नकार सकता बापू को।
जवाब देंहटाएंजी हा हम सभी को आज बापू का बस यही रूप ही पसंद है |
जवाब देंहटाएंsach kaha aapne....
जवाब देंहटाएंbapoo to har jagah maujud hain.