खटीमा से जीवंत प्रसारण : पुस्‍तक लोकार्पण : हिन्‍दी ब्‍लॉगर सम्‍मेलन : ऐतिहासिक क्षण होंगे

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आज रविवार है
वैसे तो अवकाश है
पर अवकाश नहीं है
हिन्‍दी ब्‍लॉगरों का।

अवकाश है
सर्दी है
सर्दी बर्फीली है
खटीमा में बर्फ नहीं है
पर बर्फी है ।

बर्फी खाना चाहेंगे
आप आयेंगे
यहां से आप देख सुन तो पायेंगे
परंतु बर्फी आप वहीं पर
खरीद कर खा सकते हैं ।

जिन्‍हें हो डायबिटीज मेरी तरह
वे नमकीन बर्फी खायें
इसके लिये
बर्फ में नमक मिलाकर खायें।

वैसे नुक्‍कड़ पर जल्‍दी मिलेंगी
नमकीन मिठाईयां
जो खाते हैं नमकीन चाय
और पीते हैं मीठी मिठाई।

विचार सुन सकते हैं
हमें देख सकते हैं
आप  यह भी देखेंगे
मयंक जी की पुस्‍तकें
लोकार्पित हो रही हैं ।

लोकार्पण समारोह और
हिन्‍दी ब्‍लॉगर सम्‍मेलन का
यह कॉम्‍बो पैक होगा
पैक यह ओपन है
हिन्‍दी ब्‍लॉगरी का
एक नया सोपान है।

सूख का सूरज और नन्‍हे सुमन
खिल उठेगा आपका मन
जब सुनेंगे औरदेखेंगे
हिन्‍दी ब्‍लॉगरों की खिलखिलाहट
चौखट की आहट।

पद्मावली भी मौजूद हैं यहां
हंसते रहो के साथ
चलते चलते
पहुंचते हैं
सब नुक्‍कड़ पर।

7 टिप्‍पणियां:

  1. माननीय शास्त्री जी एंव प्रिय अवीनाश जी
    सादर!

    खटीमा से जीवंत प्रसारण पुस्‍तक लोकार्पण हिन्‍दी ब्‍लॉगर सम्‍मेलन में मैं अवश्य हाजरी देता किन्तु रात को नींद का आलम कहां गुम हो गया !पुस्‍तक लोकार्पण ऐतिहासिक हो मेरी एसी अभीलाशा है

    दिल में रह-रह के ,कोई बात खटक जाती है
    सोना चाहूं भी, मगर नींद कंहा आती है

    आपका
    पुरुषोत्तम अब्बी ’आज़र’

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  2. अविनाश जी, शास्त्री जी एवं अन्य उपस्थित ब्लोगर जनों को सलाम / प्रणाम / राम-राम / शुभ दिन (Good Day).... मैं शरीर से वहां नहीं लेकिन मन तो खटीमा में ही हूँ!!!

    सफल आयोजन के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं!

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  3. देवभूमि पर इतने गरिमामयी, सार्थक आयोजन के लिए बहुत-बहुत बधाई...अति आवश्यक कार्य की वजह से मेरा आना संभव
    नहीं हो सका...लेकिन उसकी कसक लाइव प्रसारण से पूरी कर दी...कल के कार्यक्रम का इंतज़ार...

    जय हिंद...

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  4. अरे ये कार्यक्रम तो आज तक ही था...गलती से ऊपर कल का इंतज़ार लिख गया...

    जय हिंद...

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  5. सर्दी का मजा लेते हुए आप सबको देख कर मेरी सरदी तो छूमन्तर हो गई!

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  6. कड़कड़ाती सर्दी में ब्लॉगर बन्धुओं का खटीमा में पधारने के लिए हृदय की गहराइओं से आभार व्यक्त करता हूँ!

    जवाब देंहटाएं

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