अभी पूरे 15 दिन शेष है, जो कि विशेष हैं - फिर भी जानिए इस वर्ष हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग ने क्‍या - क्‍या पाया

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • जब हम कुछ खो रहे होते हैं
    तो दूसरे सिरे पर बैठा वो
    जरूर कुछ पा रहा होता है

    वो कौन है
    क्‍यों मौन है
    समय आने पर
    करेगा सब उजागर

    समय का शिलालेख
    रीता नहीं रहेगा
    बीता हुआ सब
    आस जगाएगा
    विश्‍वास बढ़ाएगा

    बढ़ चलेंगे
    सब शिखर की ओर
    अभी तो हुई है
    सिर्फ भोर

    सुबह ही कैसे
    आप सब कुछ
    पा सकते हैं
    यह बचपन है
    बचपन में
    किशोरावस्‍था, यौवन
    का लुत्‍फ कैसे उठा सकते हैं

    आप अपनी जिम्‍मेदारी से
    परे मत हटिए
    हमारे साथ डटिए
    और आप आंखें मूंद रहे हैं
    सतर्क हो जाइये
    वरना दोबारा से सो जायेंगे
    मीठी नींद में

    नींद से जरूरी सक्रियता है
    जब हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग रोम रोम में
    इटली इटली में
    अमेरिका, फ्रांस, रूस में
    नजर आएगी
    बहुत कुछ सुनहरा लाएगी

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