‘ग्रासरूट से ग्‍लैमर’ की यात्रा : ममता बैनर्जी ने किया 41वें भारतीय अंतरराष्‍ट्रीय फिल्‍म समारोह का शुभारंभ : गोवा से अजित राय

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • The Union Minister for Railways, Kumari Mamata Banerjee lighting the lamp to inaugurate the 41st International Film Festival (IFFI-2010) at Kala Academy, in Panaji, Goa on November 22, 2010.
    पणजी, गोवा, 22 नवम्‍बर, केन्‍द्रीय रेल मंत्री ममता बैनर्जी ने यहां एक भव्‍य समारोह में भारत के 41वें अंतरराष्‍ट्रीय फिल्‍म समारोह का शुभारंभ किया। उन्‍होंने कहा कि सिनेमा जमीनी स्‍तर की आवाजों को जगह देने का एक बड़ा माध्‍यम है। इसमें हम अपने देश, समाज और दुनिया भर की छवियां देखते हैं। आज पूरी दुनिया एक गांव में बदल गई है। यह बदलाव सबसे पहले सिनेमा के माध्‍यम से संभव हुआ है।
    उन्‍होंने चुटकी लेते हुए कहा कि वे जमीनी कार्यकर्ता हैं और सिनेमा ग्‍लैमर की दुनिया। उनके लिए यहां आना ग्रासरूट से ग्‍लैमर की यात्रा है। उन्‍होंने कहा कि यह ठीक है कि उन्‍हें अच्‍छी अंग्रेजी नहीं बोलनी आती लेकिन वे दिल की भाषा बोलती हैं। उन्‍होंने कहा कि ग्‍लैमर की चमक के पीछे काम करने वाले तकनीशियनों, मजदूरों और छोटे मोटे कामगारों के योगदान को हमें नहीं भूलना चाहिए। यश चोपड़ा के अनुरोध पर उन्‍होंने इस वर्ग के लिए रेल यात्रा में कई रियायतें लागू की हैं। उन्‍होंने कहा कि एक दिन सच्‍चे अर्थों में भारतीय सिनेमा दुनिया भर में अपनी जगह बना लेगा।
    सुप्रसिद्ध फिल्‍म निर्माता और दादा साहेब फाल्‍के अवार्ड से सम्‍मानित यश चोपड़ा ने कहा कि समय बदल रहा है, दुनिया जितना काम कर रही है, उतना हम क्‍यों नहीं कर पा रहे हैं। आज का फिल्‍म उद्योग कई संकटों से गुजर रहा है लेकिन सवाल यह है कि सरकार क्‍या कर रही है। सरकार भारतीय फिल्‍म उद्योग पर नए-नए टैक्‍स लगाने की तैयारी में है, यदि यह लागू हो गए तो भारत में फिल्‍म निर्माण बहुत मुश्किल हो जाएगा। उन्‍होंने रेल मंत्री ममता बैनर्जी से अनुरोध किया वे सरकार तक फिल्‍म वालों की बातें पहुंचायें। उन्‍होंने कहा कि फिल्‍म निर्माण से जुड़े कई महत्‍वपूर्ण और गंभीर मुद्दें हैं जिन पर सरकार को फैसले लेने होंगे।
    गोवा के मुख्‍यमंत्री दिगम्‍बर कामत ने विश्‍वास दिलाया कि अगले वर्ष तक गोवा में कई बड़ी सुविधाओं का निर्माण हो जाएगा। उन्‍होंने कहा कि इस साल गोवा एंटरटेनमेंट सोसायटी ने प्रतिनिधियों के लिए ई टिकटिंग की व्‍यवस्‍था लागू की है जिससे उन्‍हें टिकट खिड़की पर लाईन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, वे इंटरनेट के माध्‍यम से घर बैठे टिकट बुक कर सकेंगे। उन्‍होंने खुशी जाहिर की कि गोवा भारत में सबसे बड़े फिल्‍म केन्‍द्र के रूप में विकसित हो रहा है।
    इस अवसर पर फिल्‍म समारोह की जानकारी देते हुए फिल्‍म समारोह‍ निदेशालय के महानिदेशक एस एम खान ने कहा कि इस बार 61 देशों की करीब 300 फिल्‍में दिखाई जा रही हैं। प्रतियोगिता खंड को सारी दुनिया के लिए खोला गया है और पुरस्‍कारों की  राशि बढ़ाकर 90 लाख रुपये कर दी गई है। सर्वश्रेष्‍ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्‍ठ अभिनेत्री के दो नए पुरस्‍कार शुरू किए जा रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि पिछले वर्ष भारत में 1300 फिल्‍मों का निर्माण हुआ, उनमें से प्राप्‍त प्रविष्टियों में से भारतीय पैनोरमा का चुनाव किया गया है। इस बार उडि़या सिनेमा के 75 वर्ष पूरे होने पर एक विशेष आयोजन किया जा रहा है। साथ ही समारोह में अशोक कुमार, मोतीलाल, नाडिया तथा कई जानी-मानी फिल्‍मी हस्तियों को श्रद्धांजलि दी जा रही है।
    इस अवसर पर सुप्रसिद्ध फिल्‍मकार सुभाष घई, मधुर भंडारकर, राजकुमार हिरानी, फिल्‍म अभिनेता अजय देवगन, मनोज वाजपेयी, गीतकार प्रसून जोशी सहित कई फिल्‍मी हस्तियां मौजूद थीं। समारोह का संचालन अभिनेता आफताब शिवदासानी और अभिनेत्री ग्रेसी सिंह ने किया। 

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