बहुत चिंतित हैं ब्‍लू लाइन बसें : हरिभूमि में 22 नवम्‍बर 2010 को प्रकाशित

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • बैन तो हमें चलाने वालों पर लगना चाहिए, जो अनाड़ी और पियक्‍कड़ हैं। बसें भी बंदकहां होंगी, रंग बदलकर एक नए रूप में आपके सामने होंगी और आप फिर उन्‍हीं में चढ़ सवारी कर रहे होंगे। सच बतला रही हैं हम ? वैसे बसों को इन्‍द्रधनुषीय रंग में चमकाया जाये तो कैसा रहे ?

     
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