भगवान और खुदा के लिए भी एक-एक फ्लैट का जुगाड़ करना जन्‍मभूमि बाबरी विवाद का हल हो सकता है

जब इंसान इन फ्लैटों में खुशी हासिल कर सकता है। तो उसके पूज्‍य को आपत्ति भला क्‍यों होगी। एतराज तो सिर्फ नेताओं को होता है, कट्टरपंथियों को होता है, जो हर मुद्दे पर रोटी सेंकने का लुत्‍फ लेते रहते हैं। किसी की खुशी लूटने या उस पर डाका डालने की संस्‍कृति का असर तो यहां पर भी है। हम अपने मां-बाप को तो दुखी रखने में संकोच नहीं करते हैं परंतु मंदिर-मस्जिद के लिए, लड़ कर क्‍यों यह मुगालता पालते हैं कि ईश्‍वर अवश्‍य खुश हो रहा होगा।  मिट्टी की यह लड़ाई सब कुछ जरूर मिट्टी ही कर देगी।  चलो, मिट्टी होने से पहले सब मिलकर विवादित भूमि पर टॉवर निर्माण की सहमति बनाते हैं।
 
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