दीपावली पर ऐसा कुछ ऐसा कर गुजरें
हिन्दी ब्लॉगिंग में भी उजाला निराला हो जाये
ऐसा नाम एक नेक मिल जाए जिसे बेहिचक
हिन्दी ब्लॉगिंग का जेम्स बांड कहा जाए
ब्रांडिड होती इस दुनिया में अब अवश्य
हिन्दी ब्लॉगिंग को एक जेम्स बांड मिल जाए।
इसलिए अनुरोध है कि नाम प्रस्तावित करें, अपना नाम सिर्फ एक बार ही प्रस्तावित कर सकते हैं। प्रस्ताव खुले मैदान में, टिप्पणियों के तौर पर रहेंगे। व्यक्तिगत लड़ाईयां, विवाद नहीं होंगे। जो भी होगा सार्वजनिक होगा और खुले मैदान में होगा, सबके बीच होगा। तो बनने के लिए हिन्दी ब्लॉगिंग का जेम्स बांड कूद पडि़ए अपना लैपटाप, नेटबुक या डेस्कटॉप लेकर और दाग दीजिए एक अदद जेम्सबांडीय टिप्पणी या पोस्ट। पोस्ट दागेंगे तो उसका लिंक टिप्पणी में जरूर चटकाइयेगा।
भाई मेरे नाम पे आपको एतराज़ क्यों.वो सब सहूलतें देना जो जेम्स बांड को मिलती हैं
जवाब देंहटाएंअपना-ईमान बेचा
thik hai . nice
जवाब देंहटाएंअविनाश जी थोडा गंभीर होइए और नुक्कड़ जैसे ब्लॉग को इस तरह के मसखरापन से भरे पोस्ट से दूर रखिये और भी लाखों गंभीर मुद्दे हैं जिस पर आप लोगों को अपनी टिपण्णी देने के लिए प्रेरित कर सकते हैं ...
जवाब देंहटाएंभाई अविनाश जी, आपकी यह पोस्ट समझ नहीं आयी। हिन्दी ब्लागिंग की बात कर रहे हैं और खोज रहे हैं जेम्स बांड? वैसे भी जेम्स बांड और ब्लागिंग का क्या सम्बन्ध है? देश में समाचार पत्र और मीडिया जो अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं उनसे हटकर ब्लागिंग का क्षेत्र आप और हम जैसे लोगों ने चुना था, कि जनता को वो सब बताए जिससे जनता अनजान रहती है। हमारा मकसद है कि हम जनता को वो सब दे जो हम समाचार पत्रों में खोज रहे हैं। जिससे जनता निष्पक्ष समाचार और श्रेष्ठ साहित्य पढने के लिए ब्लाग का सहारा लेना प्रारम्भ करे।
जवाब देंहटाएंमेरे लिये तो चिट्ठाजगत के ब्लाग लेखकों के रुप में सबसे पहला नाम आपका ही दिमाग में रहा है तो फिर भैया यहाँ का जेम्स बाँड कौन ?
जवाब देंहटाएंभई अविनाशजी , और किसी का तो क्या हम अपना ही नाम ऑफर किए दे रहे हैं ...........
जवाब देंहटाएंजयकुमार झा जी, जिसे आप मसखरापन बतला रहे हैं, उसी का खरापन सब जगह काम आता है और यही खरापन जीवंत रहने के लिए बहुत जरूरी है। बिना खुशी संजोये, मात्र गंभीर रहकर जीवन जीने से अच्छा है कि अपने जी को किसी वन में स्थापित कर दिया जाये, वैसे वो जीवन भी क्या जीवन है, जिसमें आपने किसी के मन में जरा सी खुशी नहीं पैदा की और रही टिप्पणियों की बात। टिप्पणियों का लालच मुझे नुक्कड़ पर तो नहीं है क्योंकि आप देख ही रहे होंगे कि मैं किसी को भी टिप्पणी नुक्कड़ पर देने के लिए बाध्य नहीं करता हूं बल्कि सभी को कहता हूं कि अपनी पोस्ट का कुछ हिस्सा यहां पर लगायें और लिंक दें तथा नुक्कड़ पर टिप्पणी बंद कर दें। इसलिए टिप्पणी का लालच कम से कम नुक्कड़ ब्लॉग को तो नहीं है।
जवाब देंहटाएंपर वो हंसाना
जवाब देंहटाएंया खुशी फैलाना
नहीं छोड़ सकता
यही है अदद खरापन
नुक्कड़ का।
विश्वास है अन्यथा न लेंगे
खुश हो लेंगे
सबको खुश कर देंगे।
ये तो आपको ही मिलना चाहिए। पता नहीं इतनी एनर्जी कहां से लाते हैं आप। मेरे जैसा बंदा तो इतने ब्लॉग मैंटेन करना और फिर लगातार ब्लॉग से जुड़े रहने पर सोच भी नहीं सकता। सेल्यूट टू यू सर।
जवाब देंहटाएंसही कहा, हंसे नहीं तो क्या जीवन जिया। मसखरेपन में भी बहुत सी गंभीर बातें कही जा सकती हैं। एक काम कीजिए अविनाश जी जेम्स बॉंड के गुण पहले बखान कर दीजिए फ़िर हम सोचेगें कि हिन्दी ब्लोगजगत में से कौन हो सकता है। हिन्दी ब्लोगजगत क जेम्स बॉड जेन्डर न्युट्रल होना चाहिए। मतलब नारी भी हो सकती है नहीं तो हम कहेगें कि ये भेदभाव क्युं?
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