और मस्ती के मूड में निकला तो बारिश ने मुझसे बातचीत करने की इच्छा जाहिर की। उसे मालूम था कि मैं लेखक हूं और सीधा-सादा नहीं लिखता। लेकिन इस मामले में मैं बारिशरानी की सीधी बातचीत को सादे अंदाज में पेश करने के लिए राजी हो गया। मैंने बारिशरानी से बातचीत के आमंत्रण को मौके की नजाकत समझते हुए स्वीकार कर लिया, जिससे वो मूसलाधार न बरस पड़े और मेरे फुहारों के आनंद को दूर कर दे। रिमझिम वाले अंदाज में बातचीत शुरू हुई। बारिश ने बतलाया कि आपको याद ही होगा कि पिछले दिनों सरकार ने ऐलान किया था कि दिल्ली में गेम्स के अवसर पर चूहे नहीं रहने
पानीपत ब्लॉगर मिलन और बारिशरस से लबालब बारिशरानी से खुली बातचीत
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
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