मैं हूं शेरा |
आज यह समाचार सभी अखबारों में प्रकाशित हुआ है कि नहीं भाया रहमान का थीम सांग । आयोजकों को मान लेना चाहिए और सात दिन का एक खुला अभियान चलाना चाहिए। पहले एक गीत लिखवाया जाए और फिर अगले सात दिन में चयन किए गए गीत पर संगीत तैयार करवाया जाये।
क्यों कॉमनवेल्थ गेम्स से जुड़े सभी पहलुओं पर विवाद का जन्म ले रहा है और सर्वसम्मति नहीं बन रही है।
क्या इन कारणों की जांच भी गेम्स के बाद में ही की जाएगी।
आप भी अपनी राय दीजिए हिन्दी ब्लॉगरों।।
अगर चाहें तो गीत लिखकर टिप्पणी में लगाएं और हम उन्हें जनता के बीच विचार जानने के लिए रखेंगे।
भारत की रचनात्मक प्रतिभा पर भरोसा कीजिए आयोजकों।
आज ही लिखा है...कल पेश करुँगा सर आपके आदेश पर.
जवाब देंहटाएंबात तो सही कह रहे हैं …………॥जरूर कुछ करने की सोचते हैं।
जवाब देंहटाएंहम भी अपना गीत प्रस्तुत करेंगे... जरुर प्रस्तुत करेंगे..
जवाब देंहटाएंप्रिय ' उड़न लाल ' तो इंतज़ार कराएँगे और ' उड़न छू 'हो जायेंगे .हम तो अभी शुरू हो जाते हैं ................
जवाब देंहटाएंतो पेश है ....
खेल खेल में माल खा ,
चुपके चुपके चुपके .
स्विस अंक में जमा करा आ
छुपके छुपके छुपके .
मेडल सेडल तेल लगाये
देश की इज्जत भाड़ में जाये
जनता बस मूरख बन जाये
खेल खेल में .......खेल खेल में ..............
चलिए मुखड़ा और एक अन्तर बन गया .बाकी आप सब के स्वाधीन ..............
खेल खेल में ............खेल खेल में .........खेल खेल में .
बाकी लगे रहो मुन्ना भाई !
ank naheen bank !
जवाब देंहटाएंsudhar len .
रहमान दोबारा से इस गीत के लिए ऑन हो रहे हैं। आज प्रकाशित समाचार तो यही कह रहे हैं। इसलिए जो भी लिख रहे हैं। जल्दी पेश करें, कहीं ऐसा न हो कि आप पीछे रह जायें और वे आगे हैं और आगे बढ़ जायें। आगे कोई भी बढ़ें परंतु लिखा अच्छा होना चाहिए।
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