अग्रसर, के तत्वावधान में वरिष्ठ पत्रकार एवं कवि स्व. विद्यासागर वसिष्ठ 'सागर' की 27वीं पुण्य-तिथि पर विगत की भांति इस वर्ष भी 17 सितम्बर, 2010 (शुक्रवार) को पत्रकारिता एवं कवि गोष्ठी का आयोजन गुलमोहर पार्क में 'सागर' में किया गया।
कार्यक्रम का प्रारंभ स्व. विद्यासागर जी की धर्मपत्नी द्वारा उनके चित्र पर माल्यार्पण से हुआ। जिसके उपरांत उपस्थितों ने चित्र पर पुष्प अर्पण किए और प्रणाम निवेदित किया।
पत्रकारिता विमर्श गोष्ठी का विषय 'धर्म - अध्यात्मक और पत्रकारिता' था। जिस पर उपस्थित पत्रकारों एवं कवियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। विमर्श सार्थक रहा।
दोनों सत्रों के लिए मुख्य अतिथि कविश्री सोम ठाकुर रहे जो कि इस अवसर पर आगरा से पधारे थे। पत्रकारिता विमर्श गोष्ठी की अध्यक्षता मुख्य उप-संपादक श्री महेश दर्पण ने की और संचालन सुभाष वसिष्ठ ने किया। इस विमर्श में भाग लेने वाले अनिल कुमार, महेन्द्र महर्षि, नरेन्द्र लाहड़, पुरुषोत्त्म वज्र, अजय कुमार भल्ला और सुधीर सुमन ने कई नए पहलुओं पर बात की। सुभाष वसिष्ठ के संचालन में और अध्यक्षीय संबोधन में महेश दर्पण ने गागर में सागर भर दिया।
तदुपरांत कवि गोष्ठी का प्रारंभ हुआ। इस सत्र की अध्यक्षता निदेशक, आकाशवाणी डॉ. लक्ष्मी शंकर वाजपेयी ने की। गोष्ठी का प्रारंभ इन्दु भारद्वाज की हास्य कविता से हुई। इसके बाद बृज अभिलाषी ने अपने दोहों से मंत्रमुग्ध कर दिया।
बकौल संचालक सुभाष वसिष्ठ, अविनाश वाचस्पति ने कविता की जगह कवि गोष्ठी में अपनी गद्य व्यंग्य रचना का लैपटाप से पाठ किया। इसके बाद लाल बहादुर लाल, डॉ. धनंजय सिंह, डॉ. प्रताप अनम, आनंद क्रांतिवर्द्धन, नरेन्द्र लाहड़, पुरुषोत्तम वज्र, सुरेश यादव, जर्फ देहलवी, ममता किरण, सतीश सागर, रामकुमार कृषक, सुभाष वसिष्ठ, डॉ. लक्ष्मीशंकर वाजपेयी, वरदान और कवि सोम ठाकुर ने अपने-अपने नवगीत, कविताएं, गजलों इत्यादि का वाचन किया और सस्वर पाठ भी किया।
अन्य उपस्थितों में सर्वश्री सुरजीत सिंह जोबन, राम नरेश सिंह, अनिल कुमार, स्नेह लाहड़, कमलेश, महेन्द्र महर्षि और वसिष्ठ परिवार के सदस्य शामिल हुए।
कुल मिलाकर कार्यक्रम सफल रहा और रात्रि 10 बजे के बाद संपन्न हुआ।
इस अवसर के चित्र मिलने पर नुक्कड़ और साहित्य जगत के पाठकों के लिए पुन: नुक्कड़ पर लगाये जायेंगे।
वरिष्ठ पत्रकार एवं कवि स्व. विद्यासागर वसिष्ठ 'सागर' की 27वीं पुण्य-तिथि पर पत्रकारिता एवं कवि गोष्ठी संपन्न
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
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स्व. विद्यासागर वसिष्ठ 'सागर' की पुण्य-तिथि
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इतनी बारिश मे इतना शानदार कार्यक्रम!!!!!
जवाब देंहटाएंसोम ठाकुर जी को मेरा प्रणाम पहुंचा दीजियेगा
उनके दर् की वो रबडी भूली नही मुझे
गोरख्पुर मे इन्द्रदेव की इतनी कृपा हुई है कि शहर मे नावे चल रही हैं
सडक और ट्रेन दोनो बन्द हैं
वरिष्ठ पत्रकार एवं कवि स्व. विद्यासागर वसिष्ठ 'सागर' की 27वीं पुण्य-तिथि पर मेरी ओर से भाव-भीनी श्रद्धांजलि!
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