पीपली लाइव : दा ग्रेट इंडियन ट्रेजडी
और मीडिया का नंगा नाच कौन नहीं जानता है ! पीपली लाइव देखते समय मुझे मग्सेसे पुरस्कार से नवाजे गए मशहूर पत्रकार पी साईनाथ का वह कथन याद आता है जब वो कहते हैं कि २००८ में जब विदर्भ के किसान आत्महत्या कर रहे थे, तब देश सुर दुनिया के पत्रकार मुंबई में लक्मे फैशन वीक कवर करने को जुटे थे | लेकिन मुंबई से कुछ ही दूर तक चल कर जाने की जहमत किसी ने ना उठाई, और उठाये भी क्यूँ किसान/मरता किसान/ भूखा/ बेबस किसान/कर्ज के फंदे में उलझता किसान मीडिया का टीजी नहीं है
पूरा पढने के लिए यहाँ जाएँ
http://atmadarpan.blogspot.com/2010/08/blog-post_14.html#links
पीपली लाइव : दा ग्रेट इंडियन ट्रेजडी
Posted on by गुड्डा गुडिया in
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Sahi kaha aapne.
जवाब देंहटाएं………….
सपनों का भी मतलब होता है?
साहित्यिक चोरी का निर्लज्ज कारनामा.....