आज जोधपुर का 522वां स्थापना दिवस 12 मई को धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस अवसर पर जोधपुर की विरासत पर सेमिनार, लोक संगीत, बैंडवादन, रोचक प्रतियोगिताएं, रक्तदान व स्वास्थ्य शिविर, आतिशबाजी समेत कई कार्यक्रम हो रहे है.
आज जोधपुर का 522वां स्थापना दिवस 12 मई को धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस अवसर पर जोधपुर की विरासत पर सेमिनार, लोक संगीत, बैंडवादन, रोचक प्रतियोगिताएं, रक्तदान व स्वास्थ्य शिविर, आतिशबाजी समेत कई कार्यक्रम हो रहे है.
इन सभी आयोजनो की सफ़लता के लिये जिला कलक्टर नवीन महाजन ने इसके लिए विभिन्न समितियों का गठन कर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट के निदेशक (संस्कृति) डॉ. महेंद्रसिंह नगर ने बताया कि तीन दिवसीय कार्यक्रम के तहत 10 मई को सूचना केंद्र मिनी ऑडिटोरियम में सुबह 11 बजे जिला प्रशासन, भारतीय राष्ट्रीय कला एवं संस्कृति विरासत न्यास इंटैक तथा मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में विरासत संरक्षण के क्षेत्र में जन चेतना जागृत करने के उद्देश्य से कार्यशाला आयोजित की गई.
11 मई को सायं साढ़े पांच बजे उम्मेद उद्यान में बैंडवादन प्रतियोगिता हुई. 12 मई को मुख्य समारोह मेहरानगढ़ के दौलतखाना चौक में पूर्व नरेश गजसिंह के मुख्य आतिथ्य में हो रहा है. सूर्योदय से ही नगर के प्रमुख ऐतिहासिक दरवाजों पर शहनाई वादन के साथ यह कार्यक्रम प्रारंभ हुआ. सुबह साढ़े सात बजे ताराचंद एवं मेजर शैतानसिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई. इसके बाद सुबह आठ बजे मारवाड़ के अमर शहीदों को श्रद्धांजलि एवं पुष्पांजलि अर्पित की गई. पूर्व नरेश गजसिंह ने साढ़े आठ बजे राव जोधा के फलसे की पूजा-अर्चना की तथा राजाराम मेघवाल को पुष्पांजलि अर्पित की.
प्रतिभाओं का होगा सम्मान
इस दिन मारवाड़ रत्न पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इसमें विजेताओं को 25 हजार रुपए, प्रशस्ति पत्र, चांदी का स्मृति चिन्ह, शॉल, श्रीफल प्रदान किया जाएगा। मारवाड़ रत्न से सम्मानित जमीला बाई लोक संगीत की आकर्षक प्रस्तुति के साथ जोधपुर, नागौर, बाड़मेर, पाली व जालोर के सीनियर सैकंडरी में वर्ष 2009 में मैरिट में आने वाले विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र व रजत पदक देकर सम्मानित किया जाएगा।
पुस्तकों का लोकार्पण
समारोह में डॉ. महेंद्र सिंह नगर लिखित पुस्तक ‘राजस्थान की पाग-पगड़िया’ (द्वितीय संस्करण), सीतामऊ के श्रीकृष्ण राजगुरु द्वारा लिखित पुस्तक ‘भारत के प्रथम राजगुरु वंश का इतिहास’ एवं डॉ. नारायणदास पुरोहित द्वारा लिखित पुस्तक ‘गिरधर यशोगाथा’, डॉ. महेंद्र सिंह नगर व प्रो. कल्याण सिंह शेखावत द्वारा संपादित पुस्तक ‘गिरधर अनुरागी मीरां’ का लोकार्पण किया जाएगा।
जानिये जोधपुर के बारे मे कुछ खास
१. राजस्थान राज्य के पश्चिमी भाग में केन्द्र में स्थित, जोधपुर शहर राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और दर्शनीय महलों, दुर्गों औऱ मंदिरों को प्रस्तुत करते हुए एक लोकप्रिय पर्यटक गंतव्य है।
२. राजस्थान राज्य के पश्चिमी भाग केन्द्र में स्थित, जोधपुर शहर राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और दर्शनीय महलों, दुर्गों औऱ मंदिरों को प्रस्तुत करते हुए एक लोकप्रिय पर्यटक गंतव्य है।
३. शहर की अर्थव्यस्था हथकरघा, वस्त्रों और कुछ धातु आधारित उद्योगों को शामिल करते हुए कई उद्योगों पर निर्भर करती है।
४. रेगिस्तान के हृदय में स्थित, राजस्थान का यह शहर राजस्थान के अनन्त मुकुट का एक भव्य रत्न है।
५. राठौंड़ों के रूप में प्रसिद्ध एक वंश के प्रमुख, राव जोधा ने मृतकों की भूमि कहलाये गये, जोधपुर की 1459 में स्थापना की।
६. मेहरानगढ़ दुर्ग, 125 मीटर की पर्वत चोटी पर स्थित औऱ 5 किमी के क्षेत्रफल में फैला हुआ, भारत के सबसे बड़े दुर्गों में से एक है।
७. मेहरानगढ़ दुर्ग के अन्दर कई सुसज्जित महल जैसे मोती महल, फूल महल, शीश महल स्थित हैं।
८. मेहरानगढ़ दुर्ग के अन्दर संग्रहालय में भी सूक्ष्म चित्रों, संगीत वाद्य यंत्रों, पोशाकों, शस्त्रागार आदि का एक समृद्ध संग्रह है।
९. मेहरानगढ़ दुर्ग के सात दरवाजे हैं औऱ शहर का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करते हैं।
१०. उम्मेद भवन पैलेस लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बना है और इसने महाराजा उम्मेद सिंह के पर्यवेक्षण में 1929 से 1943 तक लगभग 16वर्ष लिये।
११. जसवंत ठाड़ा एक सफेद संगमरमर का स्मारक है, जो महाराजा जसवन्त सिंह II की याद में 1899 में बनवाया था।
१२. जोधपुर के शासकों के कुछ चित्र भी जसवन्त ठाड़ा पर प्रदर्शित किये गये हैं।
१३. गवर्नमेण्ट म्यूजियम उम्मेद बाग के मध्य में स्थित है और हथियारों, वस्त्रों, चित्रों, पाण्डुलिपियों, तस्वीरों, स्थानीय कला और शिल्पों का एक समृद्ध संग्रह रखता है।
१४. बालसमन्द झील और महल एक कृत्रिम झील है और एक शानदार विहार स्थल है और 1159 ईस्वीं में बनवाया गया था।
१५. मारवाड़ प्रमुख उत्सव है,जो अक्टूबर के महीने में मनाया जाता है।
१६. जोधपुर इसके काष्ट और लौह फर्नीचर, पारंपरिक जोधपुरी हस्तकला, रंगाई वस्त्रों, चमड़े के जूतों, पुरातन वस्तुओँ, कसीदा किये पायदानों, बंधाई और रंगाई की साड़ियों, चांदी के आभूषणों, स्थानीय हस्तकलाओं और वस्त्रों, लाख कार्य औऱ चूड़ियों के लिए जाना जाता है, कुछ सामान है जो आप जोधपुर से खरीद सकते हैं।
१७. सेन्ट्रल मार्केट, सोजती गेट, स्टेशन रोड़, सरदार मार्केट, त्रिपोलिया बाजार, मोची बाजार, लखेरा बाजार, जोधपुर में कुछ सबसे अच्छे खरीददारी स्थानों में हैं।
१८. अक्टूबर से मार्च जोधपुर शहर के भ्रमण का सर्वोत्तम समय है।
१९. बिना मीटर की टैक्सी, ऑटो रिक्शा, टेम्पो, मिनी बस और लोकल बस जोधपुर शहर के अन्दर यातायात के प्रमुख साधन है।
२०. जोधपुर का इसका अपना हवाई अड्डा है जो जयपुर, दिल्ली, उदयपुर, मुम्बई, और कुछ अन्य प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
२१. जोधपुर शहर ब्रोड गेज रेल्वे लाईनों से सीधे जुड़ा है, जो इसे राजस्थान के अन्दर और बाहर प्रमुख स्थानो से जोड़ता है।
जानकारीपूर्ण लेख........अच्छा लगा पढ़ कर।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लेख..
जवाब देंहटाएंअंतिम वाक्य- "जोधपुर शहर मीटर गेज रेल्वे लाईनों से सीधे जुड़ा है, जो इसे राजस्थान के अन्दर और बाहर प्रमुख स्थानो से जोड़ता है।"
ये शायद पुराना हे.. अब तो जोधपुर ब्रोडगेज से जुड़ा है...:)
समस्त जोधपुर निवासियो को स्थापना दिवस पर हा्र्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंवैसे भी जोधपुर का मेरी राशि से मेल बैठ जाता है।
घणी घणी बधाई
जानकारीपूर्ण लेख...हा्र्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंजोधाणे रे स्थापना दिन रे दिन आज सारा जोधपुरवासीयों ने घणी घणी बधाई. अपोणो जोधपुर सबसू न्यारो. अट्ठे री बोली घणी मीठी. अठ्ठे रा लोग घणा प्रेमळ. बहुत बहुत बधाई सा. सारा सिरादारों ने घणी बधाई.
जवाब देंहटाएंजोधपुर के बारे में इत्ती सारे जानकारी एक साथ वाह यह पोस्ट तो संग्रहणीय हो गई है।
जवाब देंहटाएंजोधपुर स्थापना दिवस पर जोधपुरवासियों को घणी-घणी बधाई और शुभकामनाएँ |
जवाब देंहटाएंजोधपुर शहर के स्थापना दिवस पर हा्र्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंलेख बहुत सुंदर लगा जानकारियो से भरपुर ओर सुंदर चित्रो से सजा हुआ.
धन्यवाद
सुंदर आलेख! स्थापना दिवस पर जोधपुर वासियों को हार्दिक बधाई!
जवाब देंहटाएंजोधपुर शहर के स्थापना दिवस पर हा्र्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंजानकारीपूर्ण लेख...हा्र्दिक शुभकामनाएं।
जोधपुर शहर के स्थापना दिवस पर हा्र्दिक शुभकामनाएं। जानकारीपूर्ण लेख.........
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