पहले अपनी एक बात कि वर्ष 2005 में मैं गंभीर रूप से बीमार हुआ था। अपोलो अस्पताल में भर्ती था। बहुत से झंझावातों से गुजरता हुआ आखिर मैं स्वस्थ हुआ। स्वस्थ क्या हुआ दूसरा जन्म हुआ था मेरा। उस दिन के बाद से ही असली जीवन जी रहा हूं। इसके दो साल बाद से हिन्दी ब्लॉगिंग से जुड़ा। इन्हीं दिनों राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में मेरे व्यंग्य निरंतर प्रकाशित होने आरंभ हुए और ब्लॉग जगत के जरिए आप सबका प्यार मिला है। अब तक के पांच वर्षों ने मेरे पिछले बीते 45 वर्षों से अधिक उपलब्धियां मेरे खाते में संजो दी हैं। पर इससे बीते 45 वर्षों का महत्व कम नहीं हो जाता क्योंकि यह जीवन एकदम से तो शुरू नहीं हुआ। इसलिए बुनियाद वही दिन हैं। उनकी अधिक चर्चा नहीं, अब असली जीवनधन की बात करता हूं।
यह सूचना नुक्कड़ पर Build a better future के रजनीश ने और पिछले दिनों मीडिया मंत्र पर श्री पुष्कर पुष्प ने लगाई थी। जिसमें मुख्यमंत्री को लिखे पत्र का संदर्भ भी दिया गया है। आप यहां पर क्लिक करके देख सकते हैं। इसी में डॉक्टर का प्रमाण पत्र भी संलग्न है।
उपर दी गई इमेज मैं इसलिए नहीं लगा रहा हूं कि मैं अपना प्रचार करना चाह रहा हूं। जब तक आप सबका प्यार मेरे साथ है मुझे किसी तरह के प्रचार-प्रसार की जरूरत नहीं है। आप सबके मन में यह देखकर ही किसी अपरिचित को मदद करने की भावना का जन्म ले, बस यही तो छोटी सी इच्छा है। आज सुबह ही अक्षय कत्यानी के पिता श्री सुधीर कत्यानी जी से उनके मोबाइल 09329632420 पर बात हुई है। जिससे मालूम चला है कि अक्षय को 7 मई 2010 को एक और इंजेक्शन लगाया जाना है। यह योगदान एक तिनके की भांति है जबकि तिनके की ताकत बूंद की ताकत के समान होती है। जैसे बूंद बूंद करके घड़ा भरता है, उसी प्रकार डूबते को तिनके का सहारा भी जीवन दे देता है। उसमें तिनके की ताकत नहीं, जज्बा काम आता है। उसी जज्बे को जगाने की इच्छा का कार्य है।
बस यही चाहता हूं कि जो दो लाख रुपये सुधीर जी को 7 मई 2010 तक चाहिएं, क्यों न वे अगले चार दिन यानी 1 मई 2010 तक उनके खाते में संचित हो जाएं और संकट की इस घड़ी में अगर कुछ हजार रुपये अधिक भी हो जाएं तो इसमें कोई बुराई मैं नहीं समझता। उनके पिता से यह सूचना जिस दिन प्राप्त हो जाएगी कि अब उनके खाते में पूरी धनराशि एकत्र हो गई है। उस दिन जीवनधन को संजोने का यह मिशन सफल मान लिया जायेगा। अक्षय कत्यानी शीघ्र स्वस्थ होकर हम सबके मध्य दोगुनी ऊर्जा के साथ नजर आएं। ऐसी सृष्टि नियंता से गुजारिश है। धन नहीं, हमारा विश्वास उसे जल्द स्वस्थ करेगा और उसके परिवार को खुशियां प्राप्त होंगी।
हमारे बहुत सारे साथी ऐसे भी होंगे जो धन से मदद नहीं कर पा रहे हैं पर वे सिर्फ सच्चे मन से अक्षय के शीघ्र स्वास्थ्य होने की कामना कर इस यज्ञ में शामिल हो रहे हैं। उनका यह योगदान भी अक्षय के परिवार की एक बड़ी संबल बनेगा।
हिन्दी ब्लॉगरों से एक विनम्र अपील : जीवनधन से बड़ा कोई धन नहीं (अविनाश वाचस्पति)
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आदरणीय
जवाब देंहटाएंअविनाश वाचश्पति जी,
सादर अभिवादन
आपका यह प्रयास रंग लाएगा और मुझे पूरा विश्वास है कि समय से पहले अक्षय कात्यायनी के इलाज हेतु पैसे इकट्ठे हो जायेंगे। देश भर के लोगों की दुआयें भी उनके साथ है।
जी, मैंने भी सुधीर कात्यायनी जी के खाते में पांच हजार रुपए नेट बैंकिंग द्वारा जमा किया है तथा उम्मीद करता हूं कि हमारे अन्य साथी भी इसमें सहयोग करेंगे।
जवाब देंहटाएंhttp://nitishspeaks.blogspot.com/2010/04/blog-post.html नीतीश कुमार जी के ब्लॉग पर टिप्पणी में भी मदद के लिए गुहार लगाई है। विश्वास है फलीभूत होगी। उपर दिया लिंक देखते रहिएगा।
जवाब देंहटाएंहमने भी कल ये पोस्ट पढ़ी थी और यथा संभव राशी इस खाते में जमा करा दी है. सभी का योगदान और दुआए जरुर रंग लायेंगी और इश्वर सब ठीक करेंगे. regards
जवाब देंहटाएंहमने भी ये पोस्ट पढ़ी थी और यथा संभव राशी इस खाते में जमा करा दी है. सभी का योगदान और दुआए जरुर रंग लायेंगी और इश्वर सब ठीक करेंगे
जवाब देंहटाएंbhagwan sab thik karenge aur akshay ko lambi umra denge.
जवाब देंहटाएंअक्षय को शुभकामनाएं .. मैं शीघ्र ही कुछ राशि उसके खाते में भेजने का प्रबंध करती हूं !!
जवाब देंहटाएंसंगीता जी धन्यवाद। अपने ब्लॉग पर एक अपील भी जारी करने का कष्ट कीजिएगा।
जवाब देंहटाएंसभी अपने अपने ब्लॉग और माध्यम पर इसकी चर्चा करें अथवा पोस्ट लगाकर एक जीवन बचाने में सहयोगी हो सकते हैं। हिन्दी ब्लॉगिंग से जीवन बचाने का कदम उठायें।
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