अभी तो टंकी चर्चा में है। टंकी की दीवानगी का आलम यह है कि और कोई बात किसी के गले नहीं उतर रही। जहां देखो वहां टंकी चर्चा। जहां देखो वहां टंकी फोड़ चैनल। टंकी नाम ब्लॉग शीघ्र आ रहा है। दिल थाम कर बैठिए और कपड़े के ब्लॉगों का चलन नहीं है फिर भी हो रही है इतनी चीर फाड़। अगर प्लास्टिक के ब्लॉग बनने लग गए तो क्या होगा। दर्जियों की तो मौज हो जाएगी प्लास्टिक के हिन्दी ब्लॉग बनेंगे अब भारत में आपने यह तो पढ़ा ही होगा। प्लास्टिक के ब्लॉग बनने बाद कपड़े के ब्लॉग अवश्य बनेंगे और यदि ऐसा हुआ तो निश्चित ही वही होगा जैसा इस आलेख में कहा गया है। इमेज पर क्लिक कीजिए और आप भी पढि़ए और दीजिए अपने विचार।
टंकी के दीवाने सब : ब्लॉग का कपड़ा फाड़ : पाखी अप्रैल 2010 अंक में लिखती है प्रतिभा कुशवाहा
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
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लगता है ब्लॉगिंग जगत पर टंकी का सुरूर चढ़ा है।
जवाब देंहटाएंकिंतु चीनि प्लास्टिक से न बने ये दुआ कीजिये
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