अर्थशास्त्र के स्थापित सिद्वांत बदल गये हैं बिहार में

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  • पुष्कर पुष्प
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  • अर्थशास्त्र के सिद्वांतों को मानें तो बिना उधोग-धंधों के विकास के, किसी भी प्रदेश की विकास की बात करना बेमानी है। आमतौर पर माना जाता है कि विकास की प्रथम सीढ़ी कृषि के क्षेत्र में विकास का होना होता है। विकास का रास्ता खेतों से निकल कर के ही कल-कारखानों के आँगन तक जाता है। उसके बाद ही वह सेवा क्षेत्र की ओर रुख कर पाता है।
    बीमारु राज्य के रुप में पहचाने जाने वाले बिहार में 2004-09 के दौरान जादुई तरीके से विकास हुआ और इसने 11.03 फीसदी के दर के आँकड़े को आसानी से प्राप्त कर लिया। आगे पढ़ें...

    2 टिप्‍पणियां:

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