5 दिसम्बर शनिवार को मुंबई पहुंच रहा हूं मैं (अविनाश वाचस्पति)
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
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अविनाश वाचस्पति
कहा जाता है कि आजकल किसी के पास किसी के लिए टाइम नहीं है। अपने और अपने परिवार के सिवाय। कोई किसी पर विश्वास नहीं करता है अपने सिवाय। पर पहले सभी के पास सभी के लिए समय भी था और विश्वास की भी कोई कमी नहीं रही। ब्लॉग जगत का आना बिल्कुल पुराने समृद्ध मूल्यों और परंपराओं की वापसी ही कही जायेगी।
आज किसी शहर से कोई ब्लॉगर चलता है तो उसका सभी बेसब्री से इंतजार करते हैं। चाहते हैं कि जिसके विचारों से अब तक रूबरू हुआ जा रहा था। उससे मिलते हैं। उससे मिलना एक अनोखा सुकून देता है। चाहे कितनी ही भागादौड़ी हो। पर अब सब के पास सबके लिए टाइम है। जबकि इंटरनेट के इस युग में समय किसी के पास नहीं है। समय न होते हुए भी खूब समय है। आप देखिए रोज ब्लॉगर आपस में कहीं न कहीं मिल रहे हैं।
मुंबई शहर के बारे में कहा जाता है कि समय से तेज भागता है। यहां पर किसी को भी आंख उठाकर देखते की फुरसत नहीं है। सब अपने में मस्त हैं, व्यस्त हैं और अपने से ही त्रस्त हैं। पर अब ऐसा नहीं है। इन सब गलतफहमियों से बाहर निकल रहे हैं सब। मैं आज आपसे मिल रहा हूं पर मन में, ख्यालों में सबसे अनेक बार मिल चुका हूं। हम विश्वास कर रहे हैं।
भरोसा कायम हो रहा है। जो गया तो नहीं था कहीं। पर नजर भी नहीं आ रहा था। आप जल्दी ही इतनों से परिचित हो रहे हैं। जानने की गति तेज है और आपको जानने वाले, जानना चाहने वाले भी खूब हैं। इन सबका हिसाब रखना भी कठिन हो रहा है पर कितनी भी कठिनताएं आएं, न हम मिलना छोड़ेंगे,न पढ़ना और न लिखना। नए नए लिक्खाड़ सामने आ रहे हैं। परंपराएं पुन: समृद्ध हो रही हैं। यह एक नया परिवार है और इस परिवार की कोई सीमाएं नहीं हैं। संवाद बढ़ रहा है। विवाद भी बढ़ रहा है। गुटवाद भी बढ़ रहा है। मतलब इन खतरों का भार तो उठाना ही होगा। खतरों में ही तो विश्वास का नया मोहक स्वरूप सामने आ रहा है। पहचान की, भरोसे की गति तेज हो रही है जो निश्चय ही सुखद है।
मुंबई सिर्फ सिनेकारों के लिए ही नहीं ब्लॉगरों के लिए भी ब्लॉगप्रसिद्ध हो चुकी है। इसका सर्वोत्तम उदाहरण बिग बी तो हैं ही। उनके अतिरिक्त भी बहुत सारे हैं, अक्षर हैं जो उतने बिग तो नहीं हैं पर ब्लॉगजगत में उनकी अहमियत बिग बी से कम भी नहीं है। इसी कड़ी में दिनांक 5 दिसम्बर 2009 को मैं मुंबई में आपसे मिलने के लिए पहुंच रहा हूं। आने का प्रयोजन बस आपसे मिलने का ही है। मुंबईवासी हिन्दीं ब्लॉगरों के दर्शन और विचारों का लाभ प्राप्त करने का इससे उत्तम अवसर मुझे इससे जल्दी नहीं मिलने वाला था इसलिए भारत के 40वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह के गोवा में संपन्न होने के बाद मैं उन सभी मुंबईवासियों से मिलने की चाहत लेकर आ रहा हूं जो मुझसे मिलने की इच्छा रखते हैं। आपमें से अधिकतर मेरे संपर्क में हैं और बाकी जो चाहते हैं कि मैं उनके संपर्क में जुड़ जाऊं तो वे मुझे फोन नंबर 09404148870 पर अथवा मेरी ई मेल आई डी avinashvachaspati@gmail.com पर सूचित कर सकते हैं।
क्योंकि यह संभव नहीं है कि सभी के पास मैं पहुंच सकूं अथवा सब मेरे पास पहुंच सके इसलिए किन्हीं कुछ केन्द्रित स्थानों पर जहां पर सब लोग इकट्ठे होकर मिल सकें और जहां पर मैं अधिकतर ब्लॉगरों के दर्शनों और विचारों का सामूहिक लाभ प्राप्त कर सकूं। इस बहाने से अधिकतर ब्लॉगर/लेखक मिलकर बातचीत कर सकें। ऐसे अनौपचारिक मेलमिलाप की प्रतीक्षा रहेगी। मैं मुंबई में 8 दिसम्बर तक रहूंगा।
मेरा आपके पूर्वनिर्धारित कार्यक्रमों को तहस-नहस करने का इरादा भी नहीं है, बस थोड़ा सा इधर-उधर तो आप कर ही सकते हैं मुझे भी।
जिन साथियों से मेरा संपर्क हो चुका है, वे हैं :-
श्री अमिताभ श्रीवास्तव
श्री सूरज प्रकाश
श्रीमती अनिता कुमार
श्री कमल शर्मा
श्री रूपेश श्रीवास्तव
सुश्री रश्मि रविजा
सुश्री आभा
श्री विवेक रस्तोगी
और जिनसे मिलने की मेरी चाहत है उनमें आप भी हैं। तो सोच क्या रहे हैं ?
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मुम्बई मुलाकात पर रिपोर्ट का इन्तजार रहेगा...
जवाब देंहटाएंअविनाश भाई आपके मुम्बई पदार्पण की सूचना ...पांचवा खंभा ...पर भी लगा दी गई है..। जाईये ...आपका और ब्लोग्गर मित्रों के मिलन की सुखद घडी और उसकी रपट की प्रतीक्षा रहेगी ..
जवाब देंहटाएंहम हैं न अविनाश भाई हमें भूल गये क्या :)
जवाब देंहटाएंस्वागत है मुंबई मे आपका अविनाश जी,
जवाब देंहटाएं(ये स्वागत तो हम मुंबई वालों की तरफ़ से कर रहे हैं घर बैठे)
मुंबई में भी कोई किसी को मिलने बुला सकता है..पढ़ कर अजीब सा लगा...मैं भी पहले की बंबई में रहा हूं...इसलिए ज़्यादा ही अजीब लगता है..
जवाब देंहटाएंआप लखनऊ कब आएंगे? मैं तो लखनऊ में भी आपका शिद्दत से इंतज़ार कर रहा हूँ .....
जवाब देंहटाएंआपको दिल्ली से गए इतने दिन हो गए कि अब लोग बाग यहां भी आपसे मिलने के लिए परेशान हो रहे हैं। इसलिए आते ही आप भी एक केन्द्रित जगह का चुनाव कर लें।.
जवाब देंहटाएंअरे .. अविनाश जी तो एकदम से अब चारो दिशाओं का भ्रमण कर रहे है...पहले गोवा और अब मुंबई. दिल्ली वाले भी आपकी कमी महसूस कर रहे हैं. अब आ भी जाइए
जवाब देंहटाएंPushkar
इस ब्लॉगर मीट की रिपोर्ट का हमें भी इंतजार रहेगा।
जवाब देंहटाएं------------------
भीड़ है कयामत की, फिरभी हम अकेले हैं।
इस चर्चित पेन्टिंग को तो पहचानते ही होंगे?
अजी साथ साथ मे चित्र भी देते रहे ना, ओर आगे भी चित्र जरुर खींचे, बहुत अच्छा लगा, राज ठाकरे से भी जरुर् मिल ही ले, बांगर रिपोर्ट का हमे भी इंतजार है जी.
जवाब देंहटाएंसबों को शुभकामनाएं .. रपट का इंतजार रहेगा !!
जवाब देंहटाएंअविनाश भाई, हम मुम्बई को १७ को निकलेन्गे. पर आपसे दिल्ली मिलने की कोशिश होगी जब भी हो. मुम्बई ब्लोगर मिलन की अग्रिम शुभकामनाये .
जवाब देंहटाएंहम तो 24 को पहुंचेंगे वरना आपसे और सभीसे मुलाकात हो जाती । बहरहाल रपट तो मिल ही जायेगी । झकास ...।
जवाब देंहटाएंआपकी मुम्बई यात्रा मंगलमय हो!
जवाब देंहटाएंरविवार को मुम्बई में नहीं रहूँगी। आशा है फिर कभी भेंट होगी।
जवाब देंहटाएंघुघूती बासूती
@ घुघूती बासूती
जवाब देंहटाएंमैं तो अगले दो दिन तक मुंबई में ही रहूंगा।
नहीं रविवार तो सोमवार या मंगलवार सही।
U r invited for a kavya Goshthi programme on 5th december 2009, saturday, 5.00 pm to 7.00 pm at 77 sabarigiri, anushaktinagar, mumbai. dinner is arranged after the programme. Please be there to honoutr us. kulwant singh
जवाब देंहटाएंमुंबई में आपका स्वागत है। सभी ब्लॉगर आपसे मिलना जरुर चाहेंगे। आइए...आइए...खूब बातें होंगी।
जवाब देंहटाएंरिपोर्टिंग के लिये हमको बुलवा लिया होता तो हम आजाते, :)आगे की रपट का इंतजार करते हैं. बहुत शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
ग्वालियर कब आयेंगे?
जवाब देंहटाएंमैं कवि कुलवंत जी द्वारा आयोजित काव्य गोष्ठी में अवश्य उपस्थित रहूंगा। इसमें श्री अवनीश तिवारी और सुश्री शमा जी भी उपस्थित रहने का प्रयास करेंगी। ऐसा उनसे फोन पर बात हुई है।
जवाब देंहटाएंआइये आप का स्वागत है
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