पहरेदारों के पतित होने पर सोनिया की चिंता

Posted on
  • by
  • पुष्कर पुष्प
  • in
  • भले ही दुनिया भर में हम विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र होने का झंडा लिए घूमते हों, और अपनी संसद को लोकतंत्र का मंदिर कहते हों। लेकिन हमारे सांसद, लोकतंत्र की गरिमा और उसके मंदिर की मर्यादाओं का कितना ख्याल रखते हैं, यह सोनिया गांधी की पीड़ा से साफ जाहिर है। संसदीय लोकतंत्र की गरिमा को लेकर सोनिया गांधी की पीड़ा, पहरेदारों के पतित हो जाने का सबूत है। काग्रेस अध्यक्ष ने सांसदों की सदन से गायब रहने की आदत से आहत होकर गैर हाजिर रहनेवालों को कड़ी फटकार लगाई है। राहुल गांधी ने भी सदन में सांसदों की कम उपस्थिति को काफी गंभीरता से लिया है। सोनिया गांधी ने काग्रेस के सीनियर नेताओं से सदन में अपने सांसदों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा है। कोई भले ही उनकी इस तकलीफ के कुछ भी अर्थ निकाले, लेकिन इतना तय है कि हमारे सांसदों का संसदीय कार्यवाही में कम और बाकी कामों में ध्यान ज्यादा रहने लगा है। जिनको देश चलाने के लिए चुना गया हो, वे ही जब राष्ट्रीय फैसलों के निर्धारण में ही रूचि नहीं लेंगे, तो लोकतंत्र की गरिमा को मिट्टी में मिलने से कैसे बचाया जा सकता है ? READ MORE

    4 टिप्‍पणियां:

    1. काश सोनियाजी थोडी सी चिंता बढती महंगाई पर भी कर लें ..!!

      जवाब देंहटाएं
    2. आ सोनिया जी की चिंता ठीके है...पर उनको भी फटकार लगाना हमारा अधिकार है..अब देखियेना चाय ४० रुपये प्रति किलो महँगी हो गयी..अब हम चाय की चुस्की कैसे ले..

      जवाब देंहटाएं

    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
    Copyright (c) 2009-2012. नुक्कड़ All Rights Reserved | Managed by: Shah Nawaz