औरत नकार की भंगिमा अख्तियार करें
Posted on by पुष्कर पुष्प in
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बिहार में बारिश नहीं होने के कारण कुछ बालिकाओं ने निर्वस्त्र होकर इंद्र देव को लजाने का प्रयास किया। बिहार के गया जिले के बांके बाजार की यह घटना विगत दो दिनों पहले मैंने अखबार में पढ़ी। खबर चौकाने वाली थी और पूरी खबर पढ़कर जबरदस्त झटका लगा। बिहार में इन दिनों बारिश नहीं होने के कारण सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जिससे निपटने के लिए कुछ बालिकाओं ने निर्वस्त्र हो कर इंद्र देव को लजाने का प्रयास किया। शाम ढलते ही कुंवारी लड़कियों सधवा महिलाओं व विधवाओं की टोली ने इंद्र देव को बारिश करने की फरियाद की। सबसे ताजुज्जब की बात तो यह है कि कहा जाता है कि यह टोटका भी परंपरागत है गांव के बाहर ग्राम देवता को पूजने के बाद निर्वस्त्र बालिकाएं एक-एक कर बैल बनी और विधवा ने हल चलाया। इक्कीसवीं सदी में विकास की किरण तो गांव-गांव में पहुंची हैं, सूचना क्रांति का विस्फोट गांवों में हुआ है लेकिन इन घटनाओं को देखकर तो ऐसा लगता है कि लोगों की सोच-विचार और मानसिकता में जरा भी बदलाव नहीं आया है। प्रगतिशील सोच की जगह लोग आज भी अंअन्धविश्वास ,टोटके में विश्वास रखते है। क्या बालिकाएं निर्वस्त्र हो जाएंगी तो बारिश हो जाएगी। अगर ऐसा होता तो न कभी अकाल पड़ता और न इस भारत में रेगिस्तान रहता। और न लोग गर्मियों में बूंद-बूंद पानी के लिए रेगिस्तानी छटपटाहट का अनुभव करते। अगर इन टोटके में विश्वास है ही तो क्यों लोग मानसून का इन्तजार करते हैं कुछ बालिकाएं जब चाहे निर्वस्त्र हों और जब चाहे तब मानसून आ जाएं। क्या ऐसा संभव है? ....READ MORE
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इन अंधविश्वासों को जड़ से उखाड़ तभी फेंका जा सकता है जब लोग शिक्षित हों और शायद सरकारें यह नहीं चाहतीं.
जवाब देंहटाएंThese are baseless thing
जवाब देंहटाएंyou have writen ealier you want to install statcouter withiout
verification so tell me for which blog you want
भारतीय नागरिक जी की बात से पूर्णत्या सहमत
जवाब देंहटाएंaji aurat nakar ki bhumika kaise akhtiyar karegi.usako(aurat ko)lagata hai ki aisa karane se usaka bhala hoga to wo karegi(chahe andhvishvas hi ho).
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