बलात्कारियों का बलात्कार क्यों ना हो . चलो बेशर्मी की हद पार की जाये
Posted on by पुष्कर पुष्प in
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मीडिया ख़बर
मैं सुबह उठती हूं तो अमूमन अच्छी बातें सुनना और देखना पसंद करती हूं । खुदा को याद करने के बाद मैं हमेशा टीवी खोल देती हूं क्योंकि ऑफिस पहुंचने के बाद टीवी जर्नलिस्ट होने के बावजूद टीवी देखना नसीब नहीं हो पाता। एक बड़ा चैनल दृश्य दिखा रहा था. एक औरत के जिसको पटना की सड़कों पर खुलेआम इधर उधर से छुआ जा रहा था औऱ कई सारे लड़के उसे हर तरफ से घेर कर बेइज्जत कर रहे थे और कपड़े खींच रहे थे . मैंने देखा कि दूर खड़े लोग हंस रहे थे औऱ नामर्दों की तरह तमाशा देख रहे थे . देख कर आखे फंटी रह गई औऱ कुछ सेकंड में ही आंसूं फूंटने लगे . हैरत हुई ये देखकर कि अहम मर चुका है , खून ठंडा हो चुका है औऱ बुजदिली छा गई है . ऐसा लगा जैसे किसी ने जोर से मेरे मुंह पर तमाचा मारकर मेरी औकात बताई हो क्योंकि मैं भी एक लड़की हूं . देख कर बहुत तकलीफ हुई और चिंता हुई कि जब तक हमारी औलादें होंगी औऱ बड़ी होंगी तब तक कहीं इससे भी बदतर हालात ना हो जायें . पूरा लेख मीडिया ख़बर.कॉम परपढ़ सकते हैं। Read More........
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LAA HOL VILAA KUVVAT.YE EK NIREEH MAHILA KA BALATKAAR NAHI VARAN POORE SABYA SAMAAJ KAA BLAATKAAR HAI.
जवाब देंहटाएंJHALLEVICHAR.BLOGSPOT.COM
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JHALLI-KALAM-SE
atyant chinta janak aur sharmnaak haalaat hain
जवाब देंहटाएंfikra vaajib hai !
आज हालात को काबु करना पडेगा नही तो हालात और भी बेकाबु हो जायेगा जिसका परिणाम कभी हमे भी झेलाना पड सकता है ।
जवाब देंहटाएंसुभाष की जरूरत आज कहीं अधिक है.
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