***राजीव तनेजा***
"अरे तनेजा जी!...ये क्या?...मैँने सुना है कि आपकी पत्नि ने आपके ऊपर वित्तीय हिंसा का केस डाल दिया है"....
"हाँ यार!...सही सुना है तुमने"मैँने लम्बी साँस लेते हुए कहा
"आखिर ऐसा हुआ क्या कि नौबत कोर्ट-कचहरी तक की आ गई?"...
"यार!...होना क्या था?..एक दिन बीवी प्यार ही प्यार में मुझसे कहने लगी कि तुम्हें तो ऐसी होनहार....सुन्दर....सुघड़ और घरेलू पत्नि मिली है कि तुम्हें खुश हो कर मुझ पर पैसों की बरसात करनी चाहिए"...
"तो?"...
'"मैँने कहा ठीक है"...
"फिर?"...
"फिर क्या?...एक दिन जैसे ही मैँने देखा कि बीवी नीचे खड़ी सब्ज़ी खरीद रही है...मैँने आव देखा ना ताव और सीधा निशाना साध सिक्कों से भरी पोटली उसके सर पे दे मारी"...
***राजीव तनेजा***
वाह भाई साहब,उसके बाद आपकी पत्नी ने आपके साथ क्या सलूक किया,यह नहीं बताया ? खैर यह तो बताने के लायक भी बात नहीं हा हा हा....
जवाब देंहटाएंहा हा..मजा आया.
जवाब देंहटाएंराम राम जी, मजा आ गया, फ़िर सब्जी खाई या कुछ ओर मिला.:)
जवाब देंहटाएंवाह भाई क्या कहना
जवाब देंहटाएंvaise is samay aap kis davaakhane me pattiyan bandhvaa kar lete hain ..ye bhi bata dete toh hamen
जवाब देंहटाएंpataa chal jata ki bhaabhiji ka feedback kaisa raha......ha ha ha ha ha ha
हा..हा..सही है पैसों की बरसात के लिए बोला था!! आपने तो मुसलाधार करदी जैसे बादल फटता है!!
जवाब देंहटाएंha.. ha.. albelaaji ka ek aur joke !!
जवाब देंहटाएंऐसी बरसात !
जवाब देंहटाएंहा हा हा फिर तो कभी ऐसी माँग नहीं की होगी बडिया
जवाब देंहटाएंyeh viteeye hinsaa kaa case nahi hai janaab jhallevichaaraanusaar chumbkiye shaktee kaa prabhaav hai .aapne sunaa nahi kayaa luxmi luxmi ko kheechtee hai .
जवाब देंहटाएंangrezi-vichar.blogspot.com
jhalli-kalam-se
jhallevichar.blogspot.com
उसके बाद आपको किस हास्पिटल में एडमिट किया गया ?
जवाब देंहटाएंवीनस केसरी
इस चेतावनी को ध्यान से पढ़ें और अमल करें :-
जवाब देंहटाएंभूतल वाले छोड़कर
बाकी तलों पर जो बसते हैं
वे बसतों में पैसे भरकर न रखें
उचित तो यही होगा
कि पैसे ही न रखें
सिक्के जान ले सकते हैं
वैसे चुराने में होती है मुश्किल
पर जान ले लेते हैं आजकल
जख्मी तो कर ही देते हैं
आप कौन सी मंजिल पर रहते हैं
एक नंबर, दो नंबर, तीन नंबर
या बहुमंजिली
तीन नंबर तक तो बचना संभव नहीं
उससे उपर का निशाना तो
चूक सकता है
तो तीन नंबर तक वालियां
सदा हेलमेट पहनें
चाहे मेट्रो वाला ही क्यों न हो
पर हो अवश्य
बिना हेलमेट के हों तो
बिना कार में बैठे
पार्किंग से बाहर न निकलें