कनार्टक राज्य परिवहन की
बस नम्बर के-4 एम 1455
रूट न 341 सी का
कंडक्टर
डयूटी पर निकलने से पहले
माथे पर तिलक लगाकर
भगवान के सामने रोज करता
है प्रार्थना
हे प्रभु
नायकनहल्ली से मोरीगेट की
आज कम से कम दस
सवारियां देना
ताकि दिन भर का
चाय का खर्चा निकल आए
और हां
करना कुछ ऐसा कि
नायकनहल्ली मंदिर के
कोने पे
वो दाढ़ी वाला
चूक जाए बस
दाढ़ी वाला
मांगता है टिकट
बहकाता है और लोगों को भी
न खुद बचाता है पैसा
न बचाने देता है मुझे
पता नहीं कैसा
सिरफिरा है
तीन रुपए का सफर
पांच रुपए की टिकट लेकर
करता है
हे प्रभु
इस सिरफिरे को
थोड़ी अक्ल दो
और मुझे कम से कम
दस सवारी
बस नम्बर
के-4 एम 1455
रूट नम्बर 341 सी का
कंडक्टर
डयूटी पर निकलने से पहले
माथे पर तिलक लगाकर
भगवान के सामने रोज करता
है प्रार्थना
0 राजेश उत्साही
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कविता नहीं सचाई है। हर रूट के कंडक्टर पर प्रभावी है।
जवाब देंहटाएंprabhavi hai..........bahut acchi.blog main aane ke liye dhanyawad
जवाब देंहटाएंहूँ, बढिया है।
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SBAI TSALIIM
वाकई कंडक्टर बड़ा प्रभावी है...लेकिन दिल्ली नोएडा में चलने वाली ब्लूलाइन के कंडक्टर और ड्राइवर अपवाद हैं...उन्हें सवारियां तो चाहिए ही साथ ही चाहिए सवारियों की जान...
जवाब देंहटाएंशुक्र है चाय का खर्चा ही निकालता है
जवाब देंहटाएंनिकालता यही पीने का खर्चा
तो खूब होती चर्चा
फिर जैसा कहा है अनुपम मिश्र जी ने
उसे भी चाहिए होती जान
यह भी जान लो
बहुत बढ़िया , पैने है नजर
जवाब देंहटाएंbahut badiya...
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