प्यार का रंग ना बदला

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  • बदल गया है सब कुछ भैया

    मगर प्यार का रंग ना बदला


    बदली बदली हवा लग रही

    बदले बदले लोग बाग़ हैं

    बदले बदले समीकरण हैं

    बदल गयी है नैतिकता भी

    बदले लक्ष्य बदल गए साधन

    देखे सभी बदलते हमने

    मगर प्यार का रंग ना बदला


    फैशन बदले कपड़े बदले

    उपर से थोडा नीचे है

    नीचे से थोडा ऊंचे है

    नीचे ऊपर ऊपर नीचे

    इनको देख हुआ जाता है

    मेरा मन भी ताथा थैया

    मगर प्यार का रंग ना बदला


    मंजर बदले आँखे बदली

    यात्री बदले मंजिल बदली

    आँखों के सब सपने बदले

    बदला मौसम आँगन बदले

    ओठों के सब गाने बदले

    मांझी बदले बदली नैया

    मगर प्यार का रंग ना बदला

    6 टिप्‍पणियां:

    1. सच्चे प्यार के मयाने रंग न बदलना ही है।

      ---
      चाँद, बादल और शाम

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    2. बहुत बढिया .. पर इस बदले युग में प्‍यार को पहचानना मुश्किल जरूर हो गया है।

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    3. बहुत ही खुबसूरत लिखा है आपने !

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    4. कुछ आप भी बदले बदले नजर आ रहे हैं इन दिनों:)

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    5. badal gya sabkuchh magar pyar ka rang abhi tak chakha he.sukh jaye bhale hi nadiyan-sagar akhon pe hamen pura bharosa he.

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    6. बहुत सटीक रचना है ! बधाई स्वीकार करें !

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    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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