मेरी राय......आपकी राय

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  • प्रताप सहगल
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    2 टिप्‍पणियां:

    1. प्रताप सहगल जी ने बहुत क्रांतिकारी प्रश्‍न पूछ लिया है। सच तो यही है कि पहले आपको वैध और अवैध की परिभाषा तय करनी पड़ेगी। राजनीतिज्ञ रातों-रात अवैध को वैध बना देते हैं। मुझे याद है और प्रतापजी को भी याद होगा कि 1986-87 में मध्‍यप्रदेश में मुख्‍यमंत्री अर्जुनसिंह जी ने जो आजकल केन्‍द्रीय शिक्षा मंत्री हैं मप्र की तमाम अवैध बस्तियों को रातों-रात वैध घोषित कर दिया था। तो पहले तो इस सवाल से निपटिए। फिर आप सबसे पहले इसमें धर्म को क्‍यों ले आए। अगर सवाल धार्मिक स्‍थलों की वैधता या अवैधता का है तो सीधे उसे ही रखिए ना। ताकि कुछ सार्थक बहस हो।

      अन्‍यथा सबका समय बरबाद ‍करने का क्‍या औचित्‍य । अविनाश जी बुरा न माने मुझे लगता है आपको भी ऐसे सवालों को नुक्‍कड़ में लेते समय कुछ सोच-विचार तो करना ही होगा।

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