मार गिराओ

मार गिराओ

ठाँ ठाँ कर के मार गिराओ ऐसे अत्याचारी को,
जख्मी करके ज़िन्दा है जो आमची मुम्बई प्यारी को,

दो जून की रोटी क्यो दी जनता के अपराधी को,
खतरा बनकर बैठा है जो हम सब की आज़ादी को,

कानूनो का खून करे और मानवता की बात करे-
चौराहे पर फ़ासी दे दो ऐसे आतंकवादी को,

हिम्मत का सागर है जन-जन आतंकी दल याद रखॅ,
वषॉ से रॉदा है जिसने उस बल-दल याद रखॅ,

सम्मुख शत्रु आऐ तो, साहस वो दिखलाऐ तो-
चुन-चुन मृत्यु घाट उतारे ऐसे हमलावारी को,

ठाँ ठाँ कर के मार गिराओ ऐसे अत्याचारी को,
जख्मी करके ज़िन्दा है जो आमची मुम्बई प्यारी को,

3 टिप्‍पणियां:

  1. जन जन की आवाज को

    कर दिया है बुलंद।

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  2. आपकी लेखनी समर्थ और संवेदन शील है .मुंबई हमले पर लिखे मेरे गीत को भी देखें और कृतार्थ करें. .

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