हि हि हिचकोले

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • हिचकोले खा रहा देखो बाजार
    चल रही हो ज्यों गर्भिणी नार

    पंचर टायर पर चल रही कार
    सरपर पड़ रही ओलों की मार

    बाजार नहीं अब तो है बेजार
    एफआईआई जिसका कलाकार

    औंधे मुंह गिरे सांड खूब सोले
    बाजार पेटभर अब तू भी रोले

    सांड बेचारा क्या मुंह से बोले
    जब लग रहे हों तेज हिचकोले

    3 टिप्‍पणियां:

    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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