वाह क्या पानी है यह तो शीला की राजधानी है
पानी की कहानी आजकल
बहुत गुल खिला रही है
पहले होती थी बिजली गुल
अब हो रहा है पानी गुल
कह रही है दिल्ली की बुलबुल
बुलबुल को पहचानो
पर पहले जरा इस चित्र
पर तो नजर डालो
यह पानी का फव्वारा नहीं है
पानी की बरबादी का नजारा है
दिल्ली जल बोर्ड वैसे तो
खूब विज्ञापन लगा रहा है
पानी की जगह पैसे खूब
बहा रहा है पर पानी नहीं
बचा पा रहा है।
वहां बूंद बचाता है
इधर कई सौ गैलन
व्यर्थ बहा चला जाता है.
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
बहुत खूब बहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंये तो पानी की मरजी है वो कैसे बहता है
इसमें न शीला कुछ कर सकती और न जल बोर्ड कुछ कहता है ।
सभी तो अपनी मुहार हैं
आप कहते हो
दिखाते हो
ये पानी की फुहार है
भाई खूब लिखा दिल्ली की पानी समस्या पर। गरमी का मौसम आ रहा है और पानी का भय सता रहा है। चौथी मंजिल पर रहता हूँ। भूले- भटके पानी का टैंकर आ भी जाए तो कितनी बाल्टियां ऊपर चढ़ा पाऊंगा। मई -जून में तो दिल्ली नरक लगने लगती है। न बिजली होती है, न पानी, याद आ जाती है नानी!
जवाब देंहटाएं