नव वर्ष की
उपलब्धियों में
अंधविश्वास की
पराजय हो
रूढ़ियों का हो समापन
तभी मानव पा सकेगा
एकदूसरे में अपनापन।
फिर एक दूसरा नहीं
हर चेहरा होगा अपना
जातिभेद मिट जाएंगे
कुरीतियां बन जाएंगी सपना।
सभी में
निजत्व की भावना का उदय
स्वार्थों का पूर्ण त्याग,
रसातल में स्वयंमेव
चला जाएगा भ्रष्टाचार
नजर नहीं आएगा कहीं
तुम ढूंढोगे भी नहीं।
नए साल की उपलब्धियां
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
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आपको नए वर्ष की ढेरों बधाईयाँ , आप नए वर्ष में नई उपलब्धियों को अंगीकार करें !
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