ब्लॉगिंग एक ऊर्जा है
जानते हैं सिर्फ ब्लॉगर
पहचानते हैं सिर्फ ब्लॉगर
ही नहीं, वे भी, जो
इसे पढ़ते भी हैं
और करते हैं टिप्पणी.
टिप्पणी ऐसी जो
झकझोर दे अंतर्मन को
ब्लॉगिंग के दीवाने लोग
मन से विचारों से जुड़ते लोग
सीढ़ियों पर चढ़ते उतरते लोग.
बगीची, वाटिका, मोहल्ला
नुक्कड़,चवन्नी चैप,उड़न तश्तरी
प्रेम ही सत्य है, बतलाते अजदक
से बतियाते, चौखट पर छा जाते
चक्रधर की चकल्लस से चकियाते
फुरसतिया, मसिजीवी और
पूंजी बाजार का हाल बताते
धमाल मचाते,मिर्ची सेठ बन जाते
चिट्ठाचर्चा चलाते,टहलते फिरते
गुस्ताख, पर करते नहीं गुस्ताखी
मन को जीतने की है उनकी
हमारी सबकी बाजी.
एग्रीग्रेटर्स ब्लॉगवाणी, चिट्ठाजगत
नारद, सर्वज्ञ,हिन्दी ब्लॉग्स ने
जिम्मेदारी संभाली
एक नई पहचान जुटा दी.
इस परिवर्तन को
हम सब सहेजें
ऊर्जा मंथन को।
गोवा से
ब्लॉगिंग एक ऊर्जा है
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
Labels:
एग्रीग्रेटर्स,
कविता,
ब्लॉगिंग
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ब्लंगिंग उर्जा है इससे मै पूरी तरह से सहमत हूँ. अपने विचारो को ब्लाग के मध्यम से व्यक्त करने से स्यम मे एक नई उर्जा क़ी अनुभूति होती है. कविता के रूप मे अपनी बात अपने सहज रूप से व्यक्त क़ी है. बहुत बढ़िया
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