जगा जगा चांद
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
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गोवा का चाँद,
जगा जगा चांद
जगा जगा चांद
सोया सारा जहान
यह चांद गोवा का है।
पर मैंने जाना है
चांद एक ही है
वह गोवा का भी है
सारे जहान का ही है
आज चांद जब जगा था
मैं भी जगा था
तब उसका चित्र लेने का
मेरा भाव जगा था
अब अपने भाव दें
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" चंदा तो यहाँ भी दिखा था
जवाब देंहटाएंउसे छूने का भाव जगा था "
उस तक हाथ अभी पहुँचा ही नहीं था
कि
आपने उसे चित्र में कैद कर लिया"
जगमग करती भावपूर्ण रचना.