संजू बाबा जेल में
नहीं लालू की रेल में
सफर वैसे तो लंबा है
नान स्टाप बढ़ना है
सुरक्षा उनकी कड़ी है
यहां पर भी तो तड़ी है
नहीं चैन की घड़ी है
दुनिया चाहे अड़ी है
फैन सब बेचैन है
यह कैसी झड़ी है
चैनलों का धंधा है
पीछे हर एक बंदा है
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आज सब कुछ बाजार से जुड़ा हुआ है और उसी के अनुसार सब बढ़ रहा है। चाहे वो संजू का काफिला हो या रावण को खड़े करने जलाने का मुद्दा हो।
जवाब देंहटाएंसमझ में नही आता कि संजय सचमुच दोषी हैं या
जवाब देंहटाएंअपनी माचो इमेज के लालच का शिकार हैं ? बहर हाल सजा तो वे भुगत ही रहे हैं ।