मार्केट चटक गई

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • समझे थे जो चमकेगी
    लेकिन मार्केट चटक गई
    कईयों की लुटिया डूब गई
    फूट गई कईयों की
    किस्मत देखा फूट गई

    ब्लू लाईन की चर्चा गुम हुई
    मार्केट में मार काट मच गई
    कितनी गिरेंगी लाशें शेयरों की
    शेयरों का धंधा मंदा हुआ

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