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तमिल अभिनेत्री खुशबू के वर्ष 2005 में लिव इन रिलेशनशिप और विवाह पूर्व शारीरिक संबंधों पर जाहिर की गई उनकी निजी राय के बाद एक हडकंप मच गया था। उसी संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने शादी के बिना बालिग मर्द और औरत के सेक्स को अपराध मानने से इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट का ऑब्जरवेशन है कि शादी से पहले सेक्स अपराध नहीं है। लिव इन रिलेशनशिप में रहना भी अपराध नहीं है। जब दो लोग साथ रहना चाहते हों तो इसमें अपराध क्या है ?
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वैसे आप सब परिचित ही हैं कि शरीर नश्वर है। देह भौतिक है जिसे अतीत में समा जाना है। पर स्वस्थ विचार दिशाप्रेरक होते हैं। विचार सनातन हैं।