tag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post3875420631013509802..comments2024-03-07T19:38:46.484+05:30Comments on नुक्कड़: क्या यह अंतिम LTTE है ?अविनाश वाचस्पतिhttp://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-80200926359656873482009-05-22T11:29:25.129+05:302009-05-22T11:29:25.129+05:30sach hai...kabhi ltte,to kabhi talibaani,kabhi koi...sach hai...kabhi ltte,to kabhi talibaani,kabhi koi aur roop....lekin hain to sabhi ek.....desh ke dushman...Nehahttps://www.blogger.com/profile/01342785247243151659noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-2091818859940623332009-05-21T18:33:00.954+05:302009-05-21T18:33:00.954+05:30लिट्टे प्रसंग के कई पहलू है. संकट काल में लिट्टे क...लिट्टे प्रसंग के कई पहलू है. संकट काल में लिट्टे की मदद करने के बदले लिट्टे ने भारत के पूर्व प्रधान मंत्री की हत्या कर कृतघ्नता की हद पार कर दी थी. श्री लंका सरकारने जिस दृढ़ता के साथ लिट्टे का अंत किया उससे पाक और ह्बरत को सबक लेकर क्रमशः तालिबानियों और नक्सलियों से निबटना चाहिए. किसी दबाब के परवाह न कर शांतिप्रिय नागरिकों के अमन-चैन के दुश्मनों को समाप्त किया ही जाना चाहिए. किसी समाज की विसंगतियाँ या अन्य समस्याएँ उसके द्वारा सुनियोजित हिंसा को न्यायोचित नहीं ठहरा सकतीं.दिव्य नर्मदा divya narmadahttps://www.blogger.com/profile/17701696754825195443noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-88157885813200250782009-05-20T00:52:00.000+05:302009-05-20T00:52:00.000+05:30अभी यही पर अभियान ख़तम नही होता,
समस्या का जड़ से ...अभी यही पर अभियान ख़तम नही होता,<br />समस्या का जड़ से दूर होना ज़रूरी है,<br />अपने भाइयों के चेहरे पर मुस्कान अगर चाहते है,<br />तो अभी बहुत से प्रभाकरण को ख़तम करना हमारी मजबूरी है.विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-23340437062651653112009-05-19T22:03:00.000+05:302009-05-19T22:03:00.000+05:30हम आपसे पूर्णतः सहमत हैं. चंदेरी के किले में हम वर...हम आपसे पूर्णतः सहमत हैं. चंदेरी के किले में हम वरदराज पेरुमाल से मिले थे.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.com