tag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post8405201763774887530..comments2024-03-07T19:38:46.484+05:30Comments on नुक्कड़: अन्ना बने दूसरे गांधी, गांधी परिवार ही मुश्किल मेंअविनाश वाचस्पतिhttp://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-25696954109216842532011-04-10T10:50:33.036+05:302011-04-10T10:50:33.036+05:30समाज में व्याप्त अत्याचार, अनाचार, भ्रष्टाचार शोषण...समाज में व्याप्त अत्याचार, अनाचार, भ्रष्टाचार शोषण का सामना करते -करते एक दिन वह स्थिति आ जाती है जब अन्दर सोया पुरुषार्थ भी जागृत हो उठता है. नहीं ...अब ...और नहीं...., बहुत दिन सह लिया..बहुत ज्यादा सह लिया..अब और नहीं सहूंगा...मिटा डालूँगा इसे....अन्याय का यह अस्वीकार बोध मानव मन को दो विकल्प उपलब्ध कराता है - प्रथम, हम अन्याय और शोषण की ओर से पूरी तरह विरक्त हो जाय, यह मान लें कि हमारे चरों ओर जो कुछ घटित हो रहा है हम उसके सहभागी नहीं है. हम कुछ नहीं कर सकते. अतएव हमारा कोई दायित्व नहीं. द्वितीय, यह स्थिति अन्याय, शोषण और भ्रष्टाचार से सीधे प्रतिकार और टकराव का है. पहली स्थिति पलायनवादिता है, विवशता और पराधीनता की स्थिति है. दूसरी स्थिति अन्याय से आमने - सामने जूझने की स्थिति है जहां जीवन का मोह निरर्थक हो जाता है. और मृत्यु का वरण पहली अनिवार्य शर्त बन जाती है.जहां मृत्यु के अनजाने भय में भी दायित्व का सौन्दर्य और विवेक का प्रकाश दिखाई देने लगता है. मन बोल ही उठता है - 'पहिला मरण कबूल कर जीवन की छड़ आस', यहाँ मृत्यु की कोई चिंता नहीं और जीवन से कोई मोह भी नहीं. बिना तत्त्वज्ञान के यह होता भी नहीं, वह शक्ति -साहस और ऊर्जा तभी मिलती है जब व्यक्ति में ज्ञान और दायित्व का, कर्त्तव्यबोध का उदय होता है. जब ऐसा होता है तो वह अन्याय और भ्रष्टाचार को सहने से इनकार कर देता है. यह स्थिति पहले भी कई बार आयी है ..और आज भी आ उपस्थित हुई है....Dr.J.P.Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/10480781530189981473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-20781330567661315612011-04-09T02:17:30.321+05:302011-04-09T02:17:30.321+05:30कल आ रहे हैं वे नुक्कड़ के द्वारे
आप भी आइये
शामि...कल आ रहे हैं वे नुक्कड़ के द्वारे<br />आप भी आइये<br />शामिल हो जाइये<br />पर पोस्ट जरूर और <br />तुरंत लगाइये।हिन्दी ब्लॉगरhttps://www.blogger.com/profile/04725860353985121555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-33839910982518388292011-04-08T20:34:20.774+05:302011-04-08T20:34:20.774+05:30समय की माँग और जरूरत हैं अन्ना हजारे!समय की माँग और जरूरत हैं अन्ना हजारे!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-58741445236036959402011-04-08T19:59:18.453+05:302011-04-08T19:59:18.453+05:30पुराने पेड़ को सीधा करना बहुत मुश्किल जरुर है लेकि...पुराने पेड़ को सीधा करना बहुत मुश्किल जरुर है लेकिन उसका भी हल मुमकिन है. बस जब एक महा क्रांति का बिगुल बज ही गया है तो अब तो यही आरजू है ये कारवां बढ़ता ही चला जाए और यह अभियान एक जनक्रांति बन भ्रस्टाचार को ख़त्म कर ही दम लें . अब बहुत हो चली. सब देख चुकी जनता. अब तो सबके सामने शासन-प्रशासन में बैठे बड़ी बड़ी ढींगे हाकने वालों के नाकों चने चबुवाकर जनता और मीडिया को मिलकर लडाई जीतकर ही दम लेना है. अब जनता को बेवक़ूफ़ बनाकर वोट की राजनीति कर सत्ता हासिल कर सिर्फ घोटाले कर अपना घर भरने वाले राजनेता और ऊँचे सरकारी ओहदों पर बैठने वाले जनता की तरफ मुहं फेरने वाले अपनी गोटियाँ बिठाकर पैसा बनाने वालों को उनका असली चेहरा देखने का वक्त आ गया है. आम जनता इस महाक्रान्ति में सक्रिय योगदान देने और मीडिया को जनता की आवाज बुलंद कर साबित करने का की जनता जब जागती है तो क्या कर सकती हैं...कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-61899528844865506992011-04-08T17:30:34.052+05:302011-04-08T17:30:34.052+05:30हम अन्ना के साथ हैं
हम ईमानदारी से परीक्षा देंगे ...हम अन्ना के साथ हैं <br />हम ईमानदारी से परीक्षा देंगे <br />ईमानदारी से अधिकारी बनेंगे<br />और वोट का सही प्रयोग करके इमानदार नेताओं को ही लायेंगे<br />...अन्ना आप अकेले नहीं हैं...<br />हम बदलेंगे खुद को .....देश के लिए ...आपके लिए ...<br />जहाँ भ्रस्ताचार होगा हम विरोध करेंगे ...<br />और इसकी शुरुआत मैंने कर दी है सच बोलने के साथ .....नीलांशhttps://www.blogger.com/profile/06348811803233978822noreply@blogger.com