tag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post7366745436722892106..comments2024-03-07T19:38:46.484+05:30Comments on नुक्कड़: 'चरणदास चोर' और उदय प्रकाशअविनाश वाचस्पतिhttp://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-56428590840825357582009-08-28T13:25:24.492+05:302009-08-28T13:25:24.492+05:30उपाध्याय जी का - चरणदास चोर और उदय प्रकाश - पढ़ा. ...उपाध्याय जी का - चरणदास चोर और उदय प्रकाश - पढ़ा. बहुत अधिक निराशा हुई. अगर यह रिपोर्ट, प्रतिक्रिया, समीक्षा, विश्लेषण और न जाने क्या है....? तो दो दशक पुराने हिन्दी के दैनिक पत्रों के राजनैतिक संवाददाताओं की रिपोर्टिंग स्मरण हो आई. (उन दिनों मुहावरा प्रचलित था - हिन्दीछाप -). उपाध्याय जी शब्दों को खर्च करने में कंजूसी बरतिये और व्यक्तिगत टीका-टिप्पणियों से बचिये इससे अब कुछ हासिल नहीं होगा.Atmaram Sharmahttps://www.blogger.com/profile/11944064525865661094noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-26606260865193111012009-08-28T03:49:50.088+05:302009-08-28T03:49:50.088+05:30ये लेख हम पढ़ चुके हैं। धन्यवाद।ये लेख हम पढ़ चुके हैं। धन्यवाद।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.com