tag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post7236995511361712306..comments2024-03-07T19:38:46.484+05:30Comments on नुक्कड़: हो कहीं भी शौचालय लेकिन शौचालय बनना चाहिएअविनाश वाचस्पतिhttp://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-73626418991645816612010-06-03T23:40:11.160+05:302010-06-03T23:40:11.160+05:30प्रशांत भाई मुझे तो लगता है हम लोगों को खुश होना च...प्रशांत भाई मुझे तो लगता है हम लोगों को खुश होना चाहिए कि दुष्यंत की इस मशहूर गज़ल की पैरोडी बनाकर कुछ सार्थक संदेश देने का काम तो हो रहा है। माफ करें मुझे तो बिलकुल बुरा नहीं लगा। बल्कि अगर ऐसे और पैरोडियां हो सकती हैं तो जरूर बननी चाहिए।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.com