tag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post6429501067736640043..comments2024-03-07T19:38:46.484+05:30Comments on नुक्कड़: स्वर्ग में रहने के भी दुख हैं, पीले पत्ते बतला रहे हैं (सच्ची कविता)अविनाश वाचस्पतिhttp://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-89455872184868750032013-12-24T20:09:08.917+05:302013-12-24T20:09:08.917+05:30स्वर्ग आपका हमारे लिए
नर्क से किसी मायने कम नहीं
...स्वर्ग आपका हमारे लिए<br />नर्क से किसी मायने कम नहीं<br />जबकि हम देते आए हैं<br />सदा से फल, हरियाली<br />हमारी यही अदा निराली।<br />....इस अदा को जाने कब समझेगा इंसान ...<br />प्रेरक रचना कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-61232759289430279982013-12-24T09:45:21.825+05:302013-12-24T09:45:21.825+05:30पत्ते क्यों पीला पड़ना चाहते हैं
कहीं और क्यों नही...पत्ते क्यों पीला पड़ना चाहते हैं <br />कहीं और क्यों नहीं चले जाते हैं !<br />सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com