tag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post6054979100156928450..comments2024-03-07T19:38:46.484+05:30Comments on नुक्कड़: खून के रिश्तों के साथ खूनी खेलअविनाश वाचस्पतिhttp://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-23291509143390147502011-02-09T14:34:37.541+05:302011-02-09T14:34:37.541+05:30सुनील जी,
एक पक्ष आप भूल ग...सुनील जी,<br /><br /> एक पक्ष आप भूल गए कि जहाँ पिता और पुत्री और पुत्र का रिश्ता भी तो सबसे पवित्र होता है और भाई बहन का भी . औनर किलिंग के किस्से सर्वाधिक रिश्तों को कलंकित कर रहे हैं. इससे परे भी नैतिक मूल्यों की खिल्ली उड़ाते हुए खून के रिश्तों को कैसे भूल सकते हैं? पता नहीं हम अपनी संस्कृति पर फिर से नाज कर पाएंगे या नहीं.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-61396239483788571832011-02-09T13:54:08.610+05:302011-02-09T13:54:08.610+05:30मैं आपसे पुर्णतः सहमत हूँ ....
संदेशपरक ...सुन्दर...मैं आपसे पुर्णतः सहमत हूँ .... <br />संदेशपरक ...सुन्दर ..बधाईAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/14612724763281042484noreply@blogger.com