tag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post5114245202790711331..comments2024-03-07T19:38:46.484+05:30Comments on नुक्कड़: हरिशंकर परसाई के लेखन के उद्धरणअविनाश वाचस्पतिhttp://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-86995280914074177522010-08-23T15:59:48.004+05:302010-08-23T15:59:48.004+05:30बहुत अच्छे उद्धहरण लिए हैं ...बहुत अच्छे उद्धहरण लिए हैं ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-36965950669092050492010-08-23T00:05:18.658+05:302010-08-23T00:05:18.658+05:30बहुज़्त सुंदर जी परसाई जी से सहमत है, आप का धन्यवाद...बहुज़्त सुंदर जी परसाई जी से सहमत है, आप का धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-17589136580896752902010-08-22T20:17:24.956+05:302010-08-22T20:17:24.956+05:30अविनाश जी
सादर अभिवादन.
परसाई जी जी सर्वहारा वर्...अविनाश जी<br />सादर अभिवादन. <br />परसाई जी जी सर्वहारा वर्ग के शुभचिंतक थे बाद में उनका झुकाव बामपंथ की ओर हो गया था . परसाई जी गरीबो ओर पिछडे वर्ग के लिए चिंतन करते थे और उनके हितों को ध्यान में रखकर लेखन कार्य करते थे . महान व्यंग्यकार लेखक साहित्यकार परसाई जी के विचारों को प्रस्तुत करने के लिए आभार...समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.com