tag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post4088992152050939932..comments2024-03-07T19:38:46.484+05:30Comments on नुक्कड़: हिंदी ब्लॉगिंग को मल मल के मलमल समझ लें, बाबा निर्मल बनाने और किरपा बरसाने की कोशिशें हो रही हैंअविनाश वाचस्पतिhttp://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-43933301402919720192012-05-06T09:20:37.705+05:302012-05-06T09:20:37.705+05:30अति सुंदर । आभार!अति सुंदर । आभार!Dr.Dayaram Aalokhttps://www.blogger.com/profile/08414316322585557847noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-8129587598636333032012-05-05T22:32:12.823+05:302012-05-05T22:32:12.823+05:30मल मल के मिनरल न सही
लेकिन निर्मल तो बनाया ही जा ...मल मल के मिनरल न सही<br /><br />लेकिन निर्मल तो बनाया ही जा सकता है<br /><br />यही सही सिखला रहे हैं निर्मल बाबा<br /><br />वैसे हिंदी ब्लॉगिंग को जरूरत है आज<br /><br />मिनरल बाबा की।<br /><br /><br />जल्द ही चुनाव करायेंगे<br /><br />उसके लिए नामांकन भी <br />पैसे लगवाकर कर करवाएंगे<br /><br />देखते हैं कितने मन से गरीब<br /><br />इन चुनावों में भाग लेने<br /> और<br /><br />क्यों नहीं आयेंगे<br /><br />वैसे गारंटी है कि वही जीतेंगे<br /><br />हिंदी ब्लॉगिंग के वही काटेंगे<br /><br />दिख रहे हैं जो सारे फजीते।नुक्कड़https://www.blogger.com/profile/00641159955741972638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-90016493441317996392012-05-05T22:29:49.805+05:302012-05-05T22:29:49.805+05:30एक अंतर और है अजय भाई
यहां पर गन्ने का ताजा रस
...एक अंतर और है अजय भाई<br /><br />यहां पर गन्ने का ताजा रस<br /><br />वाला चित्र भी शामिल है।नुक्कड़https://www.blogger.com/profile/00641159955741972638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-731532115156229862012-05-05T22:29:10.591+05:302012-05-05T22:29:10.591+05:30वही बात है शाहनवाज भाई
जिसके सहारे हवा चली
और हव...वही बात है शाहनवाज भाई<br /><br />जिसके सहारे हवा चली <br />और हवा से वाह तक का सफर<br /><br />पूरी ठंडक में गर्मी के साथ<br /><br />और पूरी गर्मी के साथ<br /><br />तय कर गई<br /><br />अब शिखर सम्मान मिले तो सफलता मानो।नुक्कड़https://www.blogger.com/profile/00641159955741972638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-56768783463577272622012-05-05T21:51:23.548+05:302012-05-05T21:51:23.548+05:30वाकई ब्लॉगिंग में कई 'डर्टी-पिक्चर'टाइप सी...वाकई ब्लॉगिंग में कई 'डर्टी-पिक्चर'टाइप सीन हैं,फिर भी यहीं पर हमारी बुद्धिमत्ता,योग्यता और स्वाभिमान कसौटी पर है.तमाम तरह के छपास-बिकास के रोग हैं जिनसे पार पाके ही हम इसके मल को शुचिता प्रदान कर सकते हैं !<br /><br />सार्थक-ब्लॉगिंग जारी रहनी चाहिए बिना किसी लालच या पुरस्कार की चाह के !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-65491726116418100522012-05-05T20:24:35.818+05:302012-05-05T20:24:35.818+05:30अविनाश भाई ,
ये तो हूबहू पिछली पोस्ट जैसी है , बस ...अविनाश भाई ,<br />ये तो हूबहू पिछली पोस्ट जैसी है , बस उसमें डर्टी डर्टी था ..इसमें मल मल हैअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-68391692205918348612012-05-05T20:00:41.366+05:302012-05-05T20:00:41.366+05:30Waah.... Kya baat hai....Waah.... Kya baat hai....Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.com