tag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post1364548955581382512..comments2024-03-07T19:38:46.484+05:30Comments on नुक्कड़: क्या वास्तव में गांधी ऐसे थे?अविनाश वाचस्पतिhttp://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-5135778427965022222010-05-01T07:34:27.454+05:302010-05-01T07:34:27.454+05:30जैसा की सभी जानते हैं यह व्यवसायीकरण का युग है ! आ...जैसा की सभी जानते हैं यह व्यवसायीकरण का युग है ! आज लोगों को सच नहीं मनोरंजन चाहिए ,इसलिए श्रीमान जेड अदम्स ने इस विषय पर लिखना ठीक समझा जो की प्रकशित होने से पहले ही मशहूर हो जाए और जो पूरी तरह से विश्वसनीय भी नहीं है ,बेशक गांधीजी पूरी तरह से महान पुरुष नहीं थे ,उन्होंने भी अपने जीवनकाल में बहुत से गलत निर्णय लिए लेकिन फिर भी उन्होंने अपने जीवन को देश के लिए न्योछावर कर दिया और देश आज़ाद होने पर भी कोई राजनीतिक पद नहीं लिया ! गलतियां हर इंसान से होती हैं ! जहां तक मुझे लगता है गांधीजी को पूर्ण रूप से आदर्श पुरुष नहीं कहा जा सकता लेकिन उनके जीवन से हम काफी कुछ सीख सकते हैं जैसे वह एक अच्छे नेता थे ! उस समय में ४० करोड लोगों को आज़ादी के लिए एकजुट करना कोई आसान काम नहीं था !हर व्यक्ति के अन्दर एक विशेष गुण होता है ,और उस गुण को अपने अन्दर समाहित कर लेना गुण ग्राहकता कहलाता है ! जहां तक इस किताब की बात है यह तो व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है की वह किसी व्यक्ति के गुण पहले देखता है या दोष !Vivek Sharmahttps://www.blogger.com/profile/01752356882433282503noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-27482007824119045132010-05-01T01:12:04.194+05:302010-05-01T01:12:04.194+05:30इस सम्पूर्ण लेख को पढ़कर यह समझ में नहीं आता है कि...इस सम्पूर्ण लेख को पढ़कर यह समझ में नहीं आता है कि गाँधी जी कि हत्या के इतने वर्षों को पश्चात उनके निजी जीवन में किसी को ताक-झाँक करने कि क्या सूझ रही है और वो इससे क्या सिद्ध करना चाहते हैं?<br />आज के समय में जब इन बातों का गाँधी की स्वलिखित पुस्तक के अतिरिक्त कोई अन्य पुख्ता प्रमाण नहीं हैं तो ऐसे में इन बातों को छेड़ने का क्या प्रयोजन है?<br />गाँधी जी ने देश के लिए जो कुछ भी किया वह जगजाहिर है और जो कुछ भी उनमें कमियां थीं वे अपनी पुस्तक "सत्य के साथ मेरे प्रयोग" में स्वीकार कर चुके हैं फिर इन बातों को इतना सनसनीखेज कर के प्रस्तुत करने का एकमात्र कारण पीत-प्रसिद्धि ही दिखाई देता है. <br />गाँधी जी कोई अवतार नहीं थे वे भी हमारी तरह एक इंसान थे, एक ऐसे इंसान जिन्होंने अपने जीवन को सार्थक कर दिया. एक इंसान होने के नाते उनमें भी कमियां हो सकती हैं पर वे कमियां देश के लिए किये गए महान त्याग के आगे कहीं नहीं ठहरती हैं. अपने जीवन को लोगों के समक्ष एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत कर चुके इस व्यक्ति पर कोई टिपण्णी न की जाये तो ही बेहतर होगा क्योंकि अपनी बातों को प्रमाणित करने का कोई पुख्ता तरीका आज किसी के पास नहीं है.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/17787512552907735928noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-6490904124993095582010-04-30T16:15:46.640+05:302010-04-30T16:15:46.640+05:30कहा जाता है की किसी सामाजिक ,निडर,तर्कसंगत व्यवहार...कहा जाता है की किसी सामाजिक ,निडर,तर्कसंगत व्यवहार वाले व्यक्ति को हराना हो ,या उसके विचारों को बढ़ने से रोकना हो,तो उसपर झूठे चारित्रिक आरोप लगाना शुरू कर दो / इस मिथ्या बकवास ,जो इस किताब के जरिये सिर्फ पैसों के लिए किया जा रहा है, उस पर मानसिक रूप से कोई बीमार व्यक्ति ही विश्वास कर सकता है / रही इस देश के सरकार द्वारा विरोध की तो क्या कहें /इस देश की सारी व्यवस्था सड़ चुकी है / जनता का पैसा भ्रष्ट नेताओं और अधिकारीयों के अय्यासी पर खर्च हो रहा है / अब इस देश में सभी सरकारी खर्चों और घोटालों की सामाजिक जाँच ,देश भर के इमानदार समाज सेवकों और बुद्धिजीवियों से कराकर, ,इनको जनता के सामने सजा देने की जरूरत है / तब जा कर हालात में कुछ सुधार होगा /ब्लॉग हम सब के सार्थक सोच और ईमानदारी भरे प्रयास से ही एक सशक्त सामानांतर मिडिया के रूप में स्थापित हो सकता है और इस देश को भ्रष्ट और लूटेरों से बचा सकता है /आशा है आप अपनी ओर से इसके लिए हर संभव प्रयास जरूर करेंगे /हम आपको और आपके दोस्तों को अपने इस पोस्ट http://honestyprojectrealdemocracy.blogspot.com/2010/04/blog-post_16.html पर देश हित में १०० शब्दों में अपने बहुमूल्य विचार और सुझाव रखने के लिए आमंत्रित करते हैं / उम्दा विचारों को हमने सम्मानित करने की व्यवस्था भी कर रखा है / पिछले हफ्ते अजित गुप्ता जी उम्दा विचारों के लिए सम्मानित की गयी हैं /honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-8250134842539355882010-04-30T13:05:58.076+05:302010-04-30T13:05:58.076+05:30मैं ऐसी बातों में कटाई विश्वास नहीं रखती. ये एक ऐस...मैं ऐसी बातों में कटाई विश्वास नहीं रखती. ये एक ऐसा विषय है की आप किसी के बारे में गलत भी कह दें तो लोग विश्वास कर लेंगे बगैर ये सोचे समझे की सच्चाई क्या है? उनकी सोच गाँधी के प्रति अच्छी कैसे हो सकती है? ये तो दूसरे देश की बात है, इसके प्रति विरोध दर्ज करतीहूँ.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-91813203220116207962010-04-30T12:56:12.672+05:302010-04-30T12:56:12.672+05:30"जानकारी देने के लिए धन्यवाद "
कुंठित कौ..."जानकारी देने के लिए धन्यवाद "<br />कुंठित कौन है ये तो लेख पढ़कर समझ में आ रहा है ,गाँधी एक ऐसी शक्सियत है जो पूरे विश्व में जानी जाती है ,उनपर लिखेंगे तो किताब बिकेगी ही ..विवादस्पद हुई तो बेस्ट सेलर... कुछ सुने सुनाये तथ्यों पर अपनी कल्पना का मुलम्मा चढ़ा रहे है ये लोगsonalhttps://www.blogger.com/profile/03825288197884855464noreply@blogger.com