tag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post1143616796225149110..comments2024-03-07T19:38:46.484+05:30Comments on नुक्कड़: 'गे' की गैल चलेंगे : दैनिक मिलाप स्तंभ 'बैठे ठाले'' 19 दिसम्बर 2013 में प्रकाशित अविनाश वाचस्पतिhttp://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7293001434674677831.post-24158925202187228772013-12-19T09:15:17.783+05:302013-12-19T09:15:17.783+05:30कुक्कुर के पीछे लगा, कुक्कुर कहाँ दिखाय |
कुतिया भ...कुक्कुर के पीछे लगा, कुक्कुर कहाँ दिखाय |<br />कुतिया भी देखी नहीं, जो कुतिया-मन भाय |<br /><br />कुतिया के मन भाय, नहीं पाठा को देखा |<br />पढ़ते उलटा पाठ, बदल कुदरत का लेखा |<br /><br />पशु से ही कुछ सीख, पाय के विद्या वक्कुर |<br />गुप्त कर्म रख गुप्त, अन्यथा सीखें कुक्कुर ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com