चित्र गूगल बाबा के सौजन्य से साभार |
#Ashakrishan
AE – 47
संत आसाराम का संभावित स्पष्टीकरण :
भापु : क्या आप आसाराम हैं
आरा : नहीं , मैं तो आसाकृष्ण
हूं, आपको कौन चाहिए
भापु : आसाराम
आरा : वह तो मेरा जुड़वां भाई है, उससे मेरा कोई
संबंध नहीं है
भापु : क्यों
आरा : वह कुंभ के मेले में बिछ़ड़ कर बिगड़ गया था,
मैं आसाकृष्ण हूं, सबको सुधारता हूं
भापु : आप संत नहीं हो
आरा : अरे नहीं, कृष्ण संत कैसे हो
सकते हैं, वह तो रसिया थे
पर बलात्कारी नहीं थे, अपने भाई को भाई कहते भी
शर्म आ रही है मुझे, वह संत लिखता है और काम बिल्कुल विपरीत करता है, मैं उसकी और
उसके कार्यों की सख्त निंदा करता हूं और आज जन्माष्टमी है, आसाकृष्ण जन्माष्टमी।
आओ सब मिलकर उसे सेलीब्रेट करते हैं।
आरा : राम नाम तो बोलना पड़ेगा जी, अंय ..... अंय
...... सॉरी ..... कृष्ण नाम तो बोलना
पड़ेगा जी।
और इसी चूक की वजह
से आसाराम धर लिए गए और पुलिस ने उन पर पुलिस को बहुरूपिया बनकर धोखा देने की एक
और धारा लगा दी है।
क्या आपको इसमें खबर
की दुर्गंध आ रही है। नहीं न, आएगी कैसे, यह तो ‘अफवाह एक्सप्रेस’ है, बहुत तेज गति से दौड़ रही है। 'अफवाह एक्सप्रेस' के यात्रीगण कृपया ध्यान दें, अपना एकमुश्त पास 'अफवाह एक्सप्रेस' को लाइक करके बनवा लें और
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ek dam karara....tamacha.....jay ho
जवाब देंहटाएंSavadhan ! murkho ko apani murkhataa kate sarma bhi nahi aati , kya aur kis baat par hasana , kab sochana yah to mahan purusho ka kam hai..... Nindako ki nahi , ninda karane se to apanaa punya nashta hota hai . jara soch samagh kar kuchh bhi kahanaa chahiye.
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