न्यू मीडिया अपने उत्तरदायित्वों को न भूले : बालेन्दु शर्मा दाधीच


बालेन्दु शर्मा दाधीच
नई दिल्‍ली। ब्लॉगिंग, सोशियल मार्केटिंग और न्यू मीडिया से जुड़े दूसरे माध्यमों का अपनी अभिव्यक्ति के लिए इस्तेमाल करते समय जिम्मेदारी से काम लेने की जरूरत है क्योंकि इंटरनेट हमें जितनी बड़ी ताकत और पहचान देता है, उतना ही बड़ा दायित्व भी सौंपता है। चर्चित तकनीक विशेषज्ञ और प्रभासाक्षी.कॉम के संपादक बालेन्दु शर्मा दाधीच ने नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में साइबर मीडिया का प्रभाव विषय पर एक गोष्ठी को संबोधित करते हुए यह बात कही। वे राजीव गांधी एक्सीलेंस अवार्ड के मौके पर केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम के दौरान में बोल रहे थे।
श्री दाधीच ने कहा कि हालाँकि ब्लॉगिंग की पारंपरिक व्याख्या अपने विचारों और सूचनाओं को सहेजने वाली तकनीकी डायरी के रूप में की जाती है लेकिन धीरे-धीरे वह मास मीडिया का एक शक्तिशाली स्वरूप बनता जा रहा है। भले ही इसका प्रयोग करने वालों को पत्रकार के रूप में औपचारिक मान्यता न मिले, लेकिन उनके दायित्व किसी पत्रकार से कम नहीं हैं। इंटरनेट पर अथाह स्पेस मौजूद है, लेकिन जरूरत है कि न्यू मीडिया से जुड़ा हर व्यक्ति अपने ब्लॉग, वेबसाइट या पोर्टल पर जाने वाली एक-एक पंक्ति को महत्वपूर्ण मानकर चले। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में न्यू मीडिया के प्रति सरकारों का रुख कठोर होता गया है। इसके पीछे निजी कारणों से सत्ता तंत्र के भीतर उत्पन्न होने वाला असुरक्षा बोध तो है ही जनहित के मुद्दों पर सहज ही सामुदायिक रूप लेकर जुट जाने की न्यू मीडिया की प्रकृति भी है। लेकिन इस तथ्य को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता कि न्यू मीडिया में सक्रिय कुछ लोगों ने भी अपने गैर-जिम्मेदाराना आचरण से सरकारों को इस तरह के कदम उठाने का मौका दिया है।
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने प्रभासाक्षी.कॉम से जुड़े सुप्रसिद्ध कार्टूनिस्ट हरिश्चंद्र शुक्ला काक सहित कुछ पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को समाज के प्रति उनके योगदान के लिए सम्मानित किया। गोष्ठी में बोलने वाले अन्य वक्ताओं में काक’, अमलेंदु उपाध्याय, पंकज चतुर्वेदी, विनोद बब्बर आदि शामिल थे। इसका आयोजन कानपुर से प्रकाशित पत्रिका सीमापुरी टाइम्स की ओर से किया गया था।
श्री जायसवाल ने नए मीडिया के उभार की चर्चा करते हुए कहा कि आधुनिक काल में उसकी भूमिका लगातार मजबूत और अहम होती चली गई है। नई पीढ़ी और तकनीक से जुड़े इस माध्यम के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता पैदा करने की जरूरत है।
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए बालेन्दु शर्मा दाधीच ने कहा कि जिन मुद्दों का समाज और देश के हित में विरोध करने की जरूरत है, उनके लिए ब्लॉग और सोशियल नेटवर्किंग का इस्तेमाल जरूर होना चाहिए लेकिन पूर्वाग्रह तथा पक्षपात के आधार पर इनका दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने न्यू मीडिया का प्रयोग करते समय शिष्टाचार की सीमा न लांघने की भी सलाह दी और कहा कि स्वच्छ आचरण करते हुए भी अपनी बात को पुरजोर ढंग से कहना संभव है।

3 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही सारगर्भित और प्रासंगिक प्रस्तुति ब्लोगर पर चल रहे कई वाक् धारावाहिकों के संदर्भ में जिसमे एक पक्ष दूसरे पर लगातार मिसायल दाग रहा है .

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  2. सही मौके पर सही पोस्ट. बधाई .

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