जाते जाते साल के एक अंतिम प्रश्‍न हिन्‍दी ब्‍लॉगरों से ?????

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • मेरा नाम मत लेना
    सिर्फ उस एक हिन्‍दी ब्‍लॉगर का नाम बतलायें, जो आपको बिल्‍कुल पसंद नहीं है और आप उसका नाम लेने का साहस रखते हैं। बहादुर हिन्‍दी ब्‍लॉगरों को एक जनवरी दो हजार ग्‍यारह के दिन प्रशस्ति पत्र से सम्‍मानित किये जाने की व्‍यवस्‍था की गई है। जो कारण बतलाने का साहस रखते हों उन्‍हें महा-सम्‍मान से नवाजा जायेगा। घबराने, हिचकिचाने वाले इधर का रुख न करें तो उनके ब्‍लॉग के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बेहतर रहेगा।
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    रेखाचित्र गूगल सर्च से साभार। इसका किसी हिन्‍दी ब्‍लॉगर से मिलना आकस्मिक ही हो सकता है।

    29 टिप्‍पणियां:

    1. मुझे तो अविनाश वाचस्पति नाम का ब्लॉगर कुछ ख़ास पसंद नहीं है ... लगभग हर जगह मिल जाते है ! इतना सक्रिय रहने की भी क्या जरूरत है कि किसी और को मौका ही ना मिले !

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    2. उस ब्लॉगर
      का नाम है-
      'बेनामी'
      कमबख्त
      टिप्पणी तो
      करता है
      हर जगह
      पर कहीं भी
      लिखता नहीं
      अपना नाम
      :-) :-)

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    3. भाई जी , सभी लोग अपना अपना ब्लॉग आन कर लो...... " ब्लॉग का महाभारत " आने का टेम हो गया है...

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    4. अविनाश जी आपने टिप्‍पणी करने से ऐन पहले आने के लिए धन्‍यवाद दे दिया वरना... अब आपसे क्‍या बेबाकी करें... :)

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    5. मुझे तो यह राज भाटिया बिलकुल पसंद नही जी, हर किसी के लिये अपनी टंकी तेयार रखता हे.

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    6. कई लोग घर बार तो कर नहीं पाते....... अपने ब्लॉग पर बकवास कुछ ज्यादा करते हैं...... बिलकुल पसंद नहीं.

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    7. भय्या एक ब्लोगर है अविनाश वाचस्पति, रोज़ ही कुछ न कुछ लिखता रहता है. लिखता भी ऐसा है कि पढना पड़ता है. टिपण्णी करने का इश्टाइल भी कुछ अलग है [म्मम्ममतलब अजीब सा है ;-)] भय्या इतनी एनर्जी है कि दूसरों की एनर्जी समाप्त हो जाए, लेकिन उसकी एनर्जी टस से मस ही नहीं होती... पता नहीं हर समय चार्जर लगा रहता है क्या?

      अब ऐसे बन्दे से किसे इर्ष्या नहीं होगी? मेरी नज़र में तो यही खटकता है...

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    8. बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय.
      जो खुद खोजा आपना, मुझसा बुरा न कोय.

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    9. अब तो अपनी चवन्नी भी चलना बंद हो गयी यार
      दोस्तों पहले कोटा में ही किया पुरे देश में अपनी चवन्नी चलती थी क्या अपुन की हाँ अपुन की चवन्नी चलती थी ,चवन्नी मतलब कानूनी रिकोर्ड में चलती थी लेकिन कभी दुकानों पर नहीं चली , चवन्नी यानी शिला की जवानी और मुन्नी बदनाम हो गयी की तरह बहुत बहुत खास बात थी और चवन्नी को बहुत इम्पोर्टेंट माना जाता था इसीलियें कहा जाता था के अपनी तो चवन्नी चल रही हे ।
      लेकिन दोस्तों सरकार को अपनी चवन्नी चलना रास नहीं आया और इस बेदर्द सरकार ने सरकार के कानून याने इंडियन कोइनेज एक्ट से चवन्नी नाम का शब्द ही हटा दिया ३० जून २०११ से अपनी तो क्या सभी की चवन्नी चलना बंद हो जाएगी और जनाब अब सरकरी आंकड़ों में कोई भी हिसाब चवन्नी से नहीं होगा चवन्नी जिसे सवाया भी कहते हें जो एक रूपये के साथ जुड़ने के बाद उस रूपये का वजन बढ़ा देती थी , दोस्तों हकीकत तो यह हे के अपनी तो चवन्नी ही क्या अठन्नी भी नहीं चल रही हे फिर इस अठन्नी को सरकार कानून में क्यूँ ढो रही हे जनता और खुद को क्यूँ धोखा दे रही हे समझ की बात नहीं हे खेर इस २०१० में नही अपनी चवन्नी बंद होने का फरमान जारी हुआ हे जिसकी क्रियान्विति नये साल ३०११ में ३० जून से होना हे इसलियें नये साल में पुरे आधा साल यानि जून तक तो अपुन की चवन्नी चलेगी ही इसलियें दोस्तों नया साल बहुत बहुत मुबारक हो ।
      नये साल में मेरे दोस्तों मेरी भाईयों
      मेरे बुजुर्गों सभी को इज्जत मिले
      सभी को धन मिले ,दोलत मिले ,इज्जत मिले
      खुदा आपको इतना ताकतवर बनाये
      के लोगों के हर काम आपके जरिये हों
      आपको शोहरत मिले
      लम्बी उम्र मिले सह्तयाबी हो
      सुकून मिले सभी ख्वाहिशें पूरी हो
      जो चाहो वोह मिले
      और आप हम सब मिलकर
      किताबों में लिखे
      मेरे भारत महान के कथन को
      हकीकत में पूरा करें इसी दुआ और इसी उम्मीद के साथ
      आप सभी को नया साल मुबारक हो ॥ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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    10. aap mera naam likh saktey hain ..:)
      नए साल पर हार्दिक शुभकामना .. आपकी पोस्ट बेहद पसंद आई ..आज (31-12-2010) चर्चामंच पर आपकी यह पोस्ट / रचना है .. http://charchamanch.uchacharan.blogspot.com.. पुनः नववर्ष पर मेरा हार्दिक अभिनन्दन और मंगलकामनाएं |

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    11. बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय.
      जो दिल खोजा आपना, मुझसा बुरा न कोय.

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    12. पहिले तो ई बताया जाए कि खाली एक ही का नाम काहे लेना है ..

      बिग बॉस भी कम से कम दो ठो का ऑप्शन रखते हैं ...जाईए हम नहीं खेलेंगे ..ई नाम नाम

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    13. ये क्या बात हुई बस एक का ही नाम मेरे पास तो अच्छी खासी लम्बी लिस्ट है कारण सहित | जाने दीजिये किसी एक का नाम लिख कर बाकियों की बेईज्जती थोड़े ख़राब करनी है | बाकि इस गलत फहमी में आ जायेंगे की हम उनको कम नापसंद करते है |

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    14. भई हमें तो सिर्फ़ एक ही नाम पूछने वाला पसंद नहीं :-)

      हा हा हा

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    15. ये क्या कह दिया …………कम से कम 8-10 नाम तो पूछते अब सिर्फ़ एक का नाम देने से बाकी सब नाराज़ नही हो जायेंगे कि चलो इस बहाने हमारा नाम तो होता क्या हुआ गर बदनाम हुये तो…………अब एक नाम मे तो सबसे पहला नाम खुद का ही आता है हमारा ……………अब दूसरी आप्शन हो तो बताना फिर तो काफ़ी नाम हैं लिस्ट मे………हा हा हा

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    16. मेरे ब्लाग जिन्दगी के रंग पर पधारकर पहली-पहली टिप्पणी देने के लिये शुक्रिया. आभार. अभिनन्दन...
      कृपया नजरिया पर भी अपनी नजरें इनायत रखें. धन्यवाद.
      http://najariya.blogspot.com/

      2011 का आगामी नूतन वर्ष आपके लिये शुभ और मंगलमय हो, सभी भूली-बिसरी चाहतें और कामनाएँ पूर्ण हों । इसी शुभकामना के साथ...

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    17. मैं तो अपने अंदर के ब्लोगर से परेशान हूँ.. अब देखिये न, सोमवार से परीक्षाएं हैं और यह लगातार पोस्ट लिखने के लिए परेशान किये हुए है....

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    18. मुझे तो अनिल अत्तरी लगता है ..हिंदी के लिए अलग से कुछ नही लिख पा रहा है ..चेनल के लिए जो खबर लिखता है वही ब्लॉग मै डाल देता है ....इंडिक मै लिखता है वर्तनी भी कई जगह गलत होती है.... उसे जल्दबाजी इतनी की गलत को मुड़कर सही भी नही कर पाता......पता नही कब हिंदी के लिए लिखना शुरू कर पायेगा ....कीबोर्ड पर सीधे हिंदी का अभ्यास नही करता ..क्योकि उसका इंडिक से काम चल रहा है ..हिंदी का कर्जदार है ..पता नही कब हिंदी साहित्य का इतिहास शुरू कर पायेगा ..अब कह रहा है अंग्रेज लोगों की नई साल से हिंदी साहित्य इतिहास लेखन शुरू करूगा .....फिलहाल तो उसे ही बुरी लिस्ट मै डाल दीजिये ..जय हिंदी ............Anil Attri

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    19. बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय|
      जो दिल खोजा आपना, मुझसा बुरा न कोय||

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    20. सवाल का जवाब आपके पास ही है।
      मोको कहां ढूंढे रे बंदे,मै तो तेर पास में।
      नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं

      चुड़ैल से सामना-भुतहा रेस्ट हाउस और सन् 2010 की विदाई

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    21. Bhai sahab ek mujhe bhi mile the...
      Anshu naam se. bade hi abhadra hai. Allahbad se hai.

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    22. पसन्द वाले श्रेणी में मै ही हूँ और नापसन्द वाले में भी मै ही हूँ.
      ईनाम/प्रशस्ति पत्र लेने आना होगा या ससम्मान घर पर ही भिजवायेंगे?

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    23. बंटी चोर .... सभी लोगो की पहेलियों का कबड़ा कर दिया है इसने
      नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये

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    24. आप भी नए-नए कौतुक लाते हैं। एक माँ से पूछा गया कि बताओ तुम्‍हारे पाँच बेटों में से कौन लायक है? उसके लिए सभी बराबर हैं। या किसी से पूछा जाए कि आपकी इतनी सारी पुस्‍तकों में से कौन अच्‍छी है या कौन बुरी है। भाई यहाँ सब लिखते हैं, किसी बात में हम सहमत होते हैं और किसी में नहीं। इसका अर्थ यह तो नहीं हुआ कि एक बात के असहमति से हम उसे नापसंद करने लग जाएंगे।

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    25. वे सभी जो घर-बार,रिश्ते-नाते,ऊलजुलूल व्यन्ग्य व व्यक्तिगत बातों/ पोस्टों में- ब्लोग/ब्लोगर/ पाठक का समय बर्वाद करते हैं, और ब्लोग्गिन्ग की तौहीन....
      ----समझने वाले समझ गये हैं....

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    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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